Move to Jagran APP

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बड़े नेताओं की मौजूदगी में हिंदू जोड़े का जबरन धर्म परिवर्तन

पाकिस्‍तान के सिंध प्रांत के नवाबशाह की स्थानीय मस्जिद में एक हिंदू जोड़े को जबरन इस्लाम धर्म कुबूल कराए जाने की घटना सामने आई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 11:28 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 02:19 AM (IST)
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बड़े नेताओं की मौजूदगी में हिंदू जोड़े का जबरन धर्म परिवर्तन
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बड़े नेताओं की मौजूदगी में हिंदू जोड़े का जबरन धर्म परिवर्तन

कराची, एएनआइ। पाकिस्तान में धार्मिक असहिष्णुता की एक और घटना सामने आई है। सिंध प्रांत के नवाबशाह की स्थानीय मस्जिद में एक हिंदू जोड़े को जबरन इस्लाम धर्म कुबूल करा दिया गया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, मस्जिद के इमाम हामिद कादरी ने हिंदू जोड़े का धर्म परिवर्तन कराया। इस दौरान बरेलवी आंदोलन के प्रतिनिधि और पाकिस्तान में मुस्लिम धार्मिक संगठन जमात अहले सुन्नत के नेता भी मौजूद थे। धर्म परिवर्तन के बाद नए जोड़े को नकद राशि भी दी गई।

loksabha election banner

हाल के दिनों में पाकिस्तान में जबरन धर्म परिवर्तन के कई मामले सामने आए हैं। अमेरिका स्थित सिंधी फाउंडेशन के अनुसार, हर साल 12 से 28 साल तक की करीब एक हजार सिंधी हिंदू लड़कियों का अपहरण कर लिया जाता है और उनसे जबरन शादी कर उनका धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है। पाकिस्तान ने कई मौकों पर देश में अल्पसंख्यक समुदायों के हितों की रक्षा करने का वादा किया है। लेकिन अल्पसंख्यकों पर बड़े पैमाने पर हमले अलग ही कहानी बयां करते हैं। 

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ विभाजन के दौर से ही भेदभाव होता रहा है। उनके साथ हिंसा, हत्या, अपहरण, बलात्कार, जबरन धर्म परिवर्तन सबकुछ होता है। पाकिस्तान में अल्‍पसंख्‍यकों... हिंदू, ईसाई, सिख के साथ हिंसक बर्ताव किया जाता है। बीते दिनों पाकिस्तान में इमरान सरकार को झटका देते हुए वहां के मानवाधिकार आयोग ने मानवाधिकारों के हनन के मामलों में चिंताजनक करार देते हुए कहा था कि बीते वर्ष जिस तरह की घटनाएं हुईं उनमें राजनीतिक असहमति को दबाने के लिए मानवाधिकारों के खिलाफ जाकर कार्रवाई की गईं।  

आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि साल 2019 राजनीतिक असहमति को सोची-समझी रणनीति के तहत कुचलने के लिए याद किया जाएगा। पाकिस्‍तान में साल 2019 में मुख्यधारा के मीडिया पर प्रहार किया गया। फोन और इंटरनेट की निगरानी की गई और सोशल मीडिया पर बंदिशें थोपी गईं। बीते वर्ष में बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी प्रहार हुआ। आयोग ने साफ लफ्जों में कहा था कि पाकिस्‍तान में आलम यह है कि संवेदनशील मुद्दों पर खुले में बोलना और लिखना मुश्किल हो गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.