गिलगित-बाल्टिस्तान: सीवेज का पानी पीने को मजबूर, फीस देने के बाद भी नहीं आता टीचर, स्थानीय लोगों व छात्रों का दुख-दर्द
गिलगित-बाल्टिस्तान के एक छात्र ने कहा फीस देने के बाद भी शिक्षक नहीं आते हैं। हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि हमारे लिए शिक्षकों की व्यवस्था करें और वेतन लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें जो स्कूल नहीं आते हैं।
गिलगित-बाल्टिस्तान, एएनआइ। गुलाम कश्मीर (Pakistan occupied Kashmir, PoK) में हालात बेहद खराब है। वहां हर रोज लोग अपने हक की लड़ाई लड़ने सड़कों पर आते हैं। ऐसा ही बीते दिन हुआ जब स्थानीय लोगों, छात्रों ने प्रशासनिक उदासीनता का हवाला देते हुए हाईवे पर धरना दिया। वहां मौजूद एक शख्स ने बताया, 'सीवेज का पानी पीने के पानी में मिल जाता है और हमारी अदालत की अपीलें अनसुनी हो जाती हैं। इस विरोध के कारण असुविधा हो रही है, लेकिन हम इसमें कुछ भी करने में असमर्थ हैं।'
वहीं, गिलगित-बाल्टिस्तान के एक छात्र ने कहा, 'फीस देने के बाद भी शिक्षक नहीं आते हैं। हम प्रशासन से आग्रह करते हैं कि हमारे लिए शिक्षकों की व्यवस्था करें और वेतन लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें, जो स्कूल नहीं आते हैं।'
Gilgit-Baltistan: Locals, students yesterday staged protest on a highway citing administrative apathy. "The sewage water mixes with drinking water and our court appeals go unheard. There's inconvenience because of this protest, but we can't help it," a local said. pic.twitter.com/Kvf4F9l4mm
— ANI (@ANI) August 11, 2021
बता दें हाल ही में गुलाम कश्मीर (गिलगिट-बाल्टिस्तान) में हुए मतदान के दौरान कई क्षेत्रों में जबर्दस्त हिंसा हुई थी। विपक्ष ने निर्वाचन आयोग को कटघरे में खड़ा करते हुए यह धमकी दी थी कि धांधली की जांच नहीं हुई तो वह भारत की मदद लेने से भी गुरेज नहीं करेंगे। पीटीआइ द्वारा पहली बार गुलाम कश्मीर में सरकार बनाई गई। प्रधानमंत्री इमरान खान ने राजनेता अब्दुल कयूम नियाजी को गुलाम कश्मीर के अगले पीएम के रूप में चुना।
भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर में हुए चुनावों को खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि यह सब दिखावा है। पाकिस्तान अवैध तरीके से कब्जा की हुई जमीन पर चुनाव नहीं करा सकता है। भारत ने इस मुद्दे पर अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया है। गुलाम कश्मीर में हुए चुनावों पर कड़ा विरोध जताते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारतीय क्षेत्रों पर पाकिस्तान का कोई आधार और अधिकार नहीं है और उसे जल्द से जल्द भारत की कब्जाई सभी जमीनों और क्षेत्रों को खाली कर देना चाहिए।