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लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ही होंगे ISI प्रमुख, इमरान सरकार व सेना के बीच तनातनी खत्म होने के संकेत

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का कमान लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को सौंपे जाने के बाद से सरकार व सेना के बीच शुरू हुई तनातनी खत्म होती दिखाई दे रही है। लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की नियुक्ति पर सरकार ने भी मुहर लगा दी है।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:59 PM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 08:59 PM (IST)
लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम ही होंगे ISI प्रमुख, इमरान सरकार व सेना के बीच तनातनी खत्म होने के संकेत
लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की नियुक्ति पर इमरान सरकार ने भी मुहर लगाई।

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ का कमान लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को सौंपे जाने के बाद से सरकार व सेना के बीच शुरू हुई तनातनी खत्म होती दिखाई दे रही है। लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम की नियुक्ति पर सरकार ने भी मुहर लगा दी है। पाकिस्तानी समाचार चैनल जियो न्यूज ने इसकी पुष्टि की है।

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प्रधानमंत्री इमरान खान व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आइएसआइ) सचिवालय में मंगलवार को हुई बैठक में लेफ्टिनेंट जनरल नदीम की पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के महानिदेशक पद पर नियुक्ति को हरी झंडी मिली। बताया जाता है कि यह दोनों नेताओं के आमने-सामने की बैठक थी, जिसमें बाद में मौजूदा आइएसआइ डीजी लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद भी शामिल हुए।

महीने की शुरुआत में कई सैन्य अधिकारियों के तबादले किए गए थे। इसे लेकर विवाद तब पैदा हो गया था, जब प्रधानमंत्री इमरान खान ने नए आइएसआइ प्रमुख की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए थे। हालांकि, बाद में उन्होंने इस मनमुटाव को 'तकनीकी बाधा' करार दिया था।

इमरान को सत्ता में लाने वाली ताकतें असहज महसूस कर रही हैं : पीपीपी

इमरान सरकार पर कटाक्ष करते हुए विपक्षी नेता और पीपीपी नेता सैयद खुर्शीद अहमद शाह ने कहा कि देश की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) के महानिदेशक की नियुक्ति करना पाकिस्तानी सेना का विशेषाधिकार है और राजनीतिक दलों को इस पर टिप्पणी करने से बचना चाहिए। उन्होंने यह भी दावा किया कि राष्ट्रीय संस्थानों में नियुक्तियों के बारे में अनिर्णय के मद्देनजर 'इमरान खान और उनकी पार्टी को सत्ता में लाने वाली ताकतें अब असहज महसूस कर रही हैं। डान अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, शाह ने ये टिप्पणी दो साल की कैद के बाद जेल से रिहा होने के बाद की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो के अध्यक्ष की नियुक्ति के मुद्दे को भी संविधान और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार हल किया जाना चाहिए। अन्यथा, एक बार फिर प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न हो सकती है।


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