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पाकिस्तान: सुक्कूर में धर्म परिवर्तन का मामला, नाबालिग हिंदू लड़की का पिछले सप्ताह हुआ था अपहरण

धर्म परिवर्तन के बाद इस्लाम धर्म अपनाने वाली कविता ओढ़ (Kaweeta Odh) के माता पिता व रिश्तेदारों ने बताया कि लड़की की उम्र 13 साल है। उनके वकील एडवोकेट सईद अहमद बिजारानी (Saeed Ahmed Bijarani) ने तंगवानी में बताया कि कविता ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज करवाया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 18 Mar 2021 04:00 PM (IST)Updated: Thu, 18 Mar 2021 04:00 PM (IST)
पाकिस्तान: सुक्कूर में धर्म परिवर्तन का मामला, नाबालिग हिंदू लड़की का पिछले सप्ताह हुआ था अपहरण
पाकिस्तान: सुक्कुर में धर्म परिवर्तन का मामला

सुक्कूर, एएनआइ। पाकिस्तान के घोटकी जिला स्थित दहारकी टाउन के भारचुंडी शरीफ के प्रबंधन द्वारा कंधकोट काश्मोर जिले की तंगवानी पुलिस (Tangwani police) के हाथों एक हिंदू लड़की को सौंपा गया जिसका कुछ दिनों अपहरण कर जबरन धर्मपरिवर्तन करा दिया गया था। धर्म परिवर्तन के बाद इस्लाम धर्म अपनाने वाली  कविता ओढ़ (Kaweeta Odh) के माता पिता व रिश्तेदारों ने बताया कि लड़की की उम्र 13 साल है। उनके वकील एडवोकेट सईद अहमद बिजारानी (Saeed Ahmed Bijarani) ने तंगवानी में बताया कि कविता ने कोर्ट में अपना बयान दर्ज करवाया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि उसने इस्लाम धर्म अपना लिया है और इसके बाद उसका नया नाम उम्मे हिना हो गया। सिविल जज मुनव्वर हुसैन पीरजादा के आदेश पर कड़ी सुरक्षा के तहत नाबालिग को 24 घंटे के लिए शेल्टर होम में रखा गया। 

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पिछले सप्ताह सशस्त्र लोगों ने तंगवानी टाउन के जारवार स्थित हिंदू परिवार पर हमला किया और बंदूक की नोक पर नाबालिग का अपहरण कर लिया था। डॉन के अनुसार, घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामला दर्ज कर लिया। 

उल्लेखनीय है कि सिंध में 18 वर्ष से कम उम्र में शादी करने पर रोक है। यदि ऐसा होता है तो सके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है। वकील अब्दुल ग़नी बिजरानी ने आरोप लगाया है कि सिंध चाइल्ड मैरिज रेस्ट्रेन्ट एक्ट (बाल विवाह निरोधक क़ानून) के कारण निकाहनामा (विवाह प्रमाणपत्र) प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। इसलिए उन्होंने एक मेडिकल बोर्ड के गठन का अनुरोध किया है। एक लिखित अनुरोध में यह भी कहा गया है, कि इस मामले को आतंकवाद निरोधक अदालत में स्थानांतरित किया जाना चाहिए इस केस के वकील अब्दुल ग़नी बिजरानी के अनुसार नाबालिग़ों के अपहरण का अपराध एटीए की धारा 364 के अंतर्गत आता है। इसलिए इसे FIR में शामिल कर मामले को आतंकवाद निरोधक अदालत में चलाया जाना चाहिए।  अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा न कर पाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की बार बार निंदा होती रही है जबकि देश के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अनेकों मौकों पर उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्धता जताई है । 


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