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एफएटीएफ की 'काली सूची' के डर से पाकिस्‍तान की इमरान सरकार ने एक और बिल किया पास

पाकिस्तान जून 2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। इससे निकलने के लिए इस्लामाबाद को एक कार्ययोजना पर अमल करने के लिए कहा गया है।

By Tilak RajEdited By: Published: Tue, 15 Sep 2020 08:26 PM (IST)Updated: Tue, 15 Sep 2020 08:26 PM (IST)
एफएटीएफ की 'काली सूची' के डर से पाकिस्‍तान की इमरान सरकार ने एक और बिल किया पास
एफएटीएफ की 'काली सूची' के डर से पाकिस्‍तान की इमरान सरकार ने एक और बिल किया पास

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की संसद ने सहकारी समितियों के पंजीयन और नियमन में ज्यादा नियंत्रण व पारदर्शिता लाने के लिए एक बिल पारित किया है। इसका मकसद आतंकी वित्त पोषण को रोकना है। दरअसल, पाकिस्तान पर फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (एफएटीएफ) की काली सूची में जाने का खतरा मंडरा रहा है। यह बिल इसी से बचने की कोशिश का एक हिस्सा है।

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पाकिस्तान जून 2018 से एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है। इससे निकलने के लिए इस्लामाबाद को एक कार्ययोजना पर अमल करने के लिए कहा गया है। बिल को पहले संबंधित स्थायी समिति के पास भेजा जाना था, लेकिन नेशनल असेंबली (निचले सदन) ने नियमों में ढील देकर इसे पारित कर दिया। यह बिल सहकारी समितियां अधिनियम-1925 में बदलाव करेगा।

नेशनल असेंबली ने एफएटीएफ की कड़ी शर्तों से जुड़े दो विधेयकों को भी संयुक्त सत्र को भेजने के प्रस्ताव मंजूर किए। निचले सदन ने इन बिलों को पारित कर दिया था, लेकिन पिछले महीने विपक्ष के बहुमत वाले उच्च सदन (सीनेट) ने इन्हें खारिज कर दिया था। किसी कानून को लेकर दोनों सदनों में मतभेद होने पर संयुक्त सत्र बुलाया जाता है।


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