पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन नहीं लेने पर FATF पर उठेंगे सवाल, जानें- पूरा मामला
पेरिस में एफएटीएफ की बैठक जारी है जिसमें पाकिस्तान पर फैसला आना है। विशेषज्ञों की मानें तो यदि एफएटीएफ पाकिस्तान के खिलाफ एक्शन नहीं लेता तो उसकी साख प्रभावित होगी।
नई दिल्ली, आइएएनएस। पेरिस में एफएटीएफ की बैठक हो रही है जिसमें आतंकवाद पर नकेल कस पाने में नाकाम रहने के मामले में पाकिस्तान पर फैसला होना है। रिपोर्टों से पता चलता है कि चीन, तुर्की और मलेशिया मौजूदा वक्त में पाकिस्तान के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। यदि एफएटीएफ की अध्यक्षता कर रहा चीन, सदस्य मलेशिया और तुर्की पाकिस्तान को अपना समर्थन जारी रखते हैं तो वह बड़ी कार्रवाई से बचने में सफल हो सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो आतंकी संगठनों की आर्थिक मदद रोक पाने में कामयाब नहीं हो पाने के बावजूद यदि पाकिस्तान पर एफएटीएफ का एक्शन नहीं होता है तो उसकी साख पर बट्टा लगेगा।
पाकिस्तानी अखबारों ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि एफएटीएफ ने आतंकवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ पाकिस्तान की कोशिशों की सराहना की है। रिपोर्टों में कहा गया है पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने एफएटीएफ के संतोषजनक जवाब दिए हैं। मालूम हो कि एफएटीएफ आतंकवाद के खिलाफ अप्रैल तक पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदमों की समीक्षा कर रहा है। इस समीक्षा से ही निर्धारित होगा कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रहता है या उसे ब्लैक लिस्ट किया जाता है। वैसे रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई न करने पर पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ से उठाकर ‘डार्क ग्रे लिस्ट’ में डाला जा सकता है।
सुरक्षा विशेषज्ञ जय कुमार वर्मा की मानें तो यदि एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में नहीं डालता है तो इससे उसकी विश्वसनीयता प्रभावित होगी। चीन का स्वार्थ सीपीइसी प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है। ऐसे में कोई दो राय नहीं कि वह पाकिस्तान को समर्थन नहीं करे। वर्मा ने कहा कि चीन भारत को अपना संभावित प्रतिद्वंद्वी मानता है, इस वजह से भी वह पाकिस्तान के साथ खड़ा होगा। मौजूदा वक्त में पाकिस्तान आतंकी संगठनों के जरिए भारत को अस्थिर करने की कोशिशें करना चाहता है जो चीन के हित में भी है। ऐसे में नजरें एफएटीएफ के फैसले पर है।