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फ्रांसीसी राजदूत को पाक से निकालने के लिए चरमपंथी धार्मिक समूह ने इस्लामाबाद को घेरा

पथराव कर रहे टीएलपी प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए दंगा पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारी रावलपिंडी और इस्लामाबाद को जोड़ने वाली सड़क तक पहुंचने में कामयाब रहे और उन्होंने वहां धरना भी दिया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Mon, 16 Nov 2020 10:36 PM (IST)Updated: Mon, 16 Nov 2020 10:36 PM (IST)
फ्रांसीसी राजदूत को पाक से निकालने के लिए चरमपंथी धार्मिक समूह ने इस्लामाबाद को घेरा
पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद में प्रदर्शन करते लोग।

इस्लामाबाद, प्रेट्र। एक फ्रांसीसी पत्रिका में अपमानजनक कार्टून के प्रकाशन का विरोध करने के लिए एक चरमपंथी धार्मिक समूह के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी की आंशिक घेराबंदी की। ये लोग फ्रांसीसी राजदूत को देश से निष्कासित करने की मांग कर रहे थे। इससे पहले रविवार को तहरीक-ए-लबाइक पाकिस्तान (टीएलपी) के फायरब्रांड मौलाना खादिम हुसैन रिजवी ने रावलपिंडी के गैरिसन सिटी इलाके में विरोध प्रदर्शन किया था।

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फ्रांसीसी राजदूत को देश से निष्कासित करने की कर रहे थे मांग

पथराव कर रहे टीएलपी प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए दंगा पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। प्रदर्शनकारी रावलपिंडी और इस्लामाबाद को जोड़ने वाली सड़क तक पहुंचने में कामयाब रहे और उन्होंने वहां धरना भी दिया। धरने में हालांकि रिजवी शामिल नहीं हुए, लेकिन उनके प्रतिनिधियों ने फ्रांसीसी राजदूत को निकाले जाने की मांग पूरी होने तक हटने से इन्कार कर दिया। 

2017 में भी दिया था तीन सप्‍ताह का धरना  

टीएलपी 2017 में तब सुर्खियों में आया था, जब उसने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की शपथ में कुछ बदलाव किए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। इस संगठन ने तीन सप्ताह तक धरना दिया था, जिससे इस्लामाबाद का जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। टीएलपी ने अपना प्रदर्शन तभी समाप्त किया, जब पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की सरकार ने कानून मंत्री को हटा दिया था। उस समय विपक्ष के नेता के तौर पर इमरान खान ने टीएलपी की मांगों का समर्थन किया था, क्योंकि वे पीएमएल-नवाज की सरकार को गिराना चाहते थे। लेकिन, अब सत्ता में रहते हुए उन्हें उसी परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है।


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