पाकिस्तान में मस्जिदें बन रहीं कोरोना वायरस फैलाने का प्रमुख स्रोत, मौलवियों पर उठे सवाल
पाकिस्तान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमितों का आंकड़ा रविवार को 12 हजार के पार पहुंच गया है। यहां एक दिन में कोरोना वायरस के 783 मामले सामने आए हैं।
इस्लामाबाद,पीटीआइ। पाकिस्तान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमितों का आंकड़ा रविवार को 12 हजार के पार पहुंच गया है। यहां एक दिन में कोरोना वायरस के 783 मामले सामने आए हैं। ऐसे में सरकार और विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे मस्जिदों में न जाएं और रमजान के दौरान सामूहिक नमाज अदा करने से परहेज करें। अगर ऐसा नहीं होता है, तो पाकिस्तान में रमजान के दौरान कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो सकती है।
पाक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई है और इसके साथ देश में मौत का आंकड़ा 269 हो गया है। बीते एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 783 मामले सामने आए हैं और इसी के साथ पाकिस्तान में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 12579 पहुंच गया है। हालांकि, कोरोना वायरस से ठीक हुए लोगों की संख्या भी बढ़कर 2866 हो गई है।
पंजाब में 5,378 मामले, सिंध 4,232, खैबर-पख्तूनख्वा 1,793, बलूचिस्तान 722, गिलगित-बाल्टिस्तान 308, इस्लामाबाद 235 और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 55 मामले दर्ज किए गए। देश में अब तक 144,365 परीक्षण किए गए हैं, जिनमें पिछले 24 घंटों में 6,218 शामिल हैं। संक्रमण के बढ़ते खतरे को देख, पाकिस्तान मेडिकल एसोसिएशन, पाकिस्तान इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन (PIMA) ने लोगों से मस्जिदों में नहीं, बल्कि घरों में नमाज़ अदा करने की अपील की है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, शारीरिक दूरी और लॉकडाउन ही कोरोना वायरस को हराने का इस समय सबसे कारगर उपाय है।
पीआईएमए के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार बर्नी ने शनिवार को चेतावनी दी कि मस्जिदें वायरस को फैलाने का प्रमुख स्रोत बन रही हैं। उन्होंने कहा, 'कोरोन वायरस के लगभग 6,000 मामले एक महीने में सामने आए… लेकिन पिछले छह दिनों में यह दोगुना हो गए हैं।' साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि संक्रमण मई और जून के आने वाले महीनों में और बढ़ेगा।
खबर हैं कि रमज़ान के दौरान मस्जिदों तक लोगों की पहुंच को प्रतिबंधित करने पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के साथ प्रमुख मौलवियों द्वारा हस्ताक्षरित 20-बिंदु समझौते का पूरी तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में अल्वी ने मस्जिदों के इमामों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे 50 वर्ष से अधिक उम्र के नमाजियों को घर पर प्रार्थना करने के लिए कहने का आग्रह किया गया है। उन्होंने बताया कि समझौते में निर्धारित एसओपी के बिंदु संख्या छह में कहा गया है कि 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को मस्जिद में नमाज अदा करने से बचना चाहिए।