निर्वासित मुहाजिरों ने की कराची को स्वायत्त क्षेत्र बनाने की मांग
अमेरिका में स्वनिर्वासित जीवन व्यतीत करने वाले नुसरत ने कहा, हमारा मानना है कि इस समाधान से शहरी सिंध के नागरिक, आर्थिक और राजनीतिक मामले पर्याप्त रूप से सुलझ जाएंगे।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में रह रहे निर्वासित मुहाजिरों ने पाकिस्तान के कराची शहर को स्वायत्त क्षेत्र बनाने की मांग की है। कराची पाकिस्तान का सबसे बड़ा शहर होने के साथ ही सिंध प्रांत की राजधानी भी है। इस शहर पर कभी मुहाजिर नेता अल्ताफ हुसैन की तूती बोलती थी। लेकिन उनकी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) में टूट और लंदन में स्वनिर्वासन के बाद शहर पर उनकी पकड़ कमजोर पड़ गई।
निर्वासित मुहाजिरों के संगठन वॉयस ऑफ कराची के चेयरमैन नदीम नुसरत ने मंगलवार को यहां कहा, 'नागरिक अधिकारों के दिग्गज मार्टिन लूथर किंग जूनियर की जयंती के मौके पर वॉयस ऑफ कराची पाकिस्तान से सिंध प्रांत के शहरी इलाके को स्वायत्त क्षेत्र घोषित करने की मांग करता है। हमने सर्वसम्मिति से इस क्षेत्र को ग्रेटर कराची कहने का निर्णय लिया है।'
अमेरिका में स्वनिर्वासित जीवन व्यतीत करने वाले नुसरत ने कहा, 'हमारा मानना है कि इस समाधान से शहरी सिंध के नागरिक, आर्थिक और राजनीतिक मामले पर्याप्त रूप से सुलझ जाएंगे। पाकिस्तान के अन्य क्षेत्रों में इस तरह के हालात के समाधान में यह रोल मॉडल की तरह काम करेगा।'
बाल्कन और कुर्द क्षेत्र का दिया हवाला
बाल्कन क्षेत्र और इराक में स्वायत्त कुर्द क्षेत्र का हवाला देते हुए नुसरत ने इस बात पर जोर दिया कि करीब ढाई करोड़ की आबादी वाला कराची इस तरह के क्षेत्र का दर्जा पाने का हकदार है।
कौन हैं मुहाजिर
1947 में बंटवारे के दौरान भारत से पाकिस्तान जाकर बसे उर्दूभाषी लोगों को मुहाजिर कहा जाता है। सिंध में इनकी बड़ी आबादी रहती है।