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हाफिज सईद के सपने को झटका, पाक चुनाव आयोग ने किया MML को मान्यता देने से इन्कार

पाकिस्तान चुनाव आयोग ने मिलि मुस्लीम लीग को मान्यता देने से इनकार कर दिया है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 05:18 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 05:18 PM (IST)
हाफिज सईद के सपने को झटका, पाक चुनाव आयोग ने किया MML को मान्यता देने से इन्कार
हाफिज सईद के सपने को झटका, पाक चुनाव आयोग ने किया MML को मान्यता देने से इन्कार

इस्लामाबाद, जेएनएन। आतंकी हाफिज सईद के पिछले रास्ते से सत्ता पाने के सपने को तगड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने मिलि मुस्लीम लीग को मान्यता देने से इनकार कर दिया है। गौरतलब है कि यह कार्रवाई पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव से कुछ हफ्ते पहले हुई है। चुनाव आयोग ने यह फैसला आंतरिक (गृह) मंत्रालय की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मिलि मुस्लिम लीग (एमएमएल), प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा की विचारधारा से इत्तेफाक रखता है। गृह मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट का आधार इंटेलीजेंस एजेंसियों से मिली जानकारियों को बनाया है।
वहीं, एमएमएल के वकील ने कहा कि संघीय सरकार किसी भी राजनैतिक दल को मान्यता देने से इनकार नहीं कर सकती। उन्होंने कहा- ये कोई नहीं बता सकता कि भविष्य में कोई राजनैतिक दल किसी प्रतिबंधित संगठन से संबद्ध होगा या नहीं। उन्होंने कहा कि एमएमएल के नेता सैफुल्लाह खालिद का हाफिज सईद या जमात-उद-दावा से कोई लिंक नहीं है। बता दें कि इससे पहले चुनाव आयोग ने आंतरिक मंत्रालय से पार्टी के बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। पार्टी ने अपनी अर्जी खारिज होने के लिए सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) को जिम्मेदार बताया है।

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पिछले साल भी खारिज की थी अर्जी
चुनाव आयोग ने मिली मुस्लिम लीग को राजनीतिक दल के रूप में मान्यता दिए जाने की अर्जी 2017 में भी खारिज की थी लेकिन उसके बाद फैसले के विरोध में पार्टी हाई कोर्ट चली गई थी। उसकी अर्जी पर सुनवाई के बाद इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने मिल्ली मुस्लिम लीग की अर्जी पर चुनाव आयोग से पुनर्विचार के लिए कहा था। पुनर्विचार के बाद ही बुधवार को चुनाव आयोग के एक बार फिर से रजिस्ट्रेशन के लिए दी गई अर्जी खारिज की है। चुनाव आयोग की चार सदस्यीय पीठ ने यह फैसला दिया। पीठ की अध्यक्षता अब्दुल गफ्फार सुमरो ने की।

हाफिज सईद खोज रहा था सत्ता का रास्ता
इससे पहले हर ओर चर्चा थी कि आतंकी हाफिज सईद राजनीति के रास्ते सत्ता में आना चाहता है, ताकि वह पाकिस्तान के सर्वोच्च पद तक पहुंच सके। बताया जाता है कि हाफिज सईद एमएमएल के जरिये अपने इस सपने को पूरा करने की सोच रहा था। उल्लेखनीय है कि लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को मुंबई पर हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है, उक्त हमले में 166 लोग मरे थे।


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