पाकिस्तान में संसद सत्र के दौरान सीनेटर शेरी ने पूछा कहां है पीएम इमरान खान? कौन चला रहा देश?
पाकिस्तान में कोविड-19 पर चर्चा के लिए सत्र बुलाया गया था इस सत्र में पीएम इमरान खान ही नहीं पहुंचे जिस पर विपक्ष ने पूछा कि कहां है इमरान खान और कौन चला रहा देश?
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में दिनोंदिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। इमरान ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी मगर कुछ दिन पहले ही इसमें छूट देनी शुरू कर दी गई। इसी सिलसिले में पाकिस्तान में सीनेट का सत्र बुलाया गया था। कोरोना महामारी के देश में पांव पसारने के बाद ये पहला सत्र था। इस सत्र में सभी को आना था मगर प्रधानमंत्री इमरान खान ही इस सत्र से गायब रहे जिसकी वजह से विपक्षी सदस्यों ने उनकी जमकर आलोचना की।
पीपीपी सीनेटर शेरी रहमान ने तो यहां तक कह दिया कि इस समय देश कौन चला रहा है? जो प्रधानमंत्री देश की गरीब जनता की बात कर रहे थे, इस दौरान वो सत्र से ही गायब है। क्या कोई प्रधानमंत्री ऐसे समय भी सीनेट से गायब रह सकता है। आज सीनेट में प्रधानमंत्री ये बताने के लिए भी उपस्थित नहीं है कि यदि देश में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होता है तो किस रणनीति के तहत वो काम करेंगे। वो देश की एकता के लिए बात करते हैं मगर उनके पास राष्ट्र को संबोधित करने के लिए संदेश तक नहीं है।
उन्होंने कहा कि वो आज के सत्र में लापता व्यक्तियों के बारे में बात करना चाहती हूं। सीनेट से लापता व्यक्ति आज हमारे प्रधानमंत्री है। वह लापता है, उसकी नीति गायब है, उनकी एकता के शब्द गायब हैं। डॉन वेबसाइट पर इस खबर को प्रमुखता के साथ कैरी किया गया है।
पीएम इस्लामाबाद में वायरस के खिलाफ काम कर रहे हैं'
पीपीपी सीनेटर शेरी रहमान के सवाल का शाह महमूद केशी ने जवाब दिया। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सीनेट में विपक्षी पीठों की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री इस्लामाबाद में थे और कोविड -19 के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। उन्होंने रहमान के दावों को भी नकार दिया कि सरकार के पास एक एकीकृत नीति नहीं थी, यह कहते हुए कि प्रधानमंत्री हर दिन प्रांतीय मुख्य अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं और रणनीति को अंतिम रूप देने से पहले सभी को सुनते हैं। इसमें कोई भ्रम नहीं है, नीति स्पष्ट है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्रीय रणनीति बनाई गई है और इसे तैयार करने में उनका (विपक्ष) का हाथ है, हम उनके इनपुट को महत्व देते हैं।
लॉकडाउन उठाने पर आलोचना का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन एक "अस्थायी समाधान" था। असली समाधान एक वैक्सीन है लेकिन इसमें समय लगेगा। जब तक असली समाधान नहीं आएगा, हमें यह देखना होगा कि हम वायरस के प्रसार को कैसे नियंत्रित कर सकते हैं। उन्होंने नेशनल असेंबली सत्र बुलाने में देरी के लिए सरकार को दोषी ठहराने के लिए विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि सत्र में देरी हुई क्योंकि आम सहमति विपक्ष के साथ नहीं हो सकती थी क्योंकि कई सदस्य सत्र के आयोजन के खिलाफ थे। यहां तक कि सीनेट के डिप्टी चेयरपर्सन, पीपीपी के एक प्रमुख नेता, विचार के खिलाफ थे।