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इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान में जोरदार प्रदर्शन, सरकार के इस फैसले के विरोध में सड़क पर उतरे लोग

गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर) कराची और हुजा में सरकार के विरोध में प्रदर्शन किए गए। इन लोगों ने बाबा जान जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी विरोध जताया है।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 11:35 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 11:35 AM (IST)
इमरान खान के खिलाफ पाकिस्तान में जोरदार प्रदर्शन, सरकार के इस फैसले के विरोध में सड़क पर उतरे लोग
देश के कई हिस्सों में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किए गए

इस्लामाबाद, एएनआइ। गिलगित बाल्टिस्तान को अलग प्रांत बनाकर यहां की स्थिति बदलने की पाकिस्तान सरकार की कोशिश के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इसे लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों ने मुजफ्फराबाद (पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर), कराची और हुजा में सरकार के विरोध में प्रदर्शन किए। इन लोगों ने बाबा जान जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर भी विरोध जताया है।

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बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 45 वें सत्र से इतर यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी ने कुछ दिनों पहले एक वेबीनार का आयोजन किया था। इसका आयोजन गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां राज्य बनाने की पाकिस्तान की कोशिशों को लेकर किया गया था, जिसमें इलाके के राजनीतिक कार्यकर्ताओं और विशेषज्ञों ने अपने विचार सामने रखे। जिनके मुताबिक, गिलगित-बाल्टिस्तान को देश का पांचवां प्रांत बनाने की राह पर सेना काम कर रही है। यहां बाहरी लोगों को बसाकर जनसंख्या का अनुपात बदला जा रहा है। पाकिस्तान चीन के दबाव में गिलगित-बाल्टिस्तान को प्रांत घोषित करने की तैयारी में है, इससे इस इलाके को विवादित क्षेत्र की सूची से हटाने में भी मदद मिलेगी। जानकारी के लिए बता दें कि चीन का अरबों डॉलर की लागत वाला चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर (सीपीईसी) यहीं से गुजर रहा है।

वेबीनार में यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी के प्रमुख शौकत अली कश्मीरी ने बताया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने हाल ही में विपक्षी दलों के कई नेताओं को सेना मुख्यालय बुलाया और उन्हें गिलगित-बाल्टिस्तान को पांचवां प्रदेश बनाने के प्रस्ताव के बारे में बताया। इसके साथ ही विपक्षी नेताओं से कहा गया कि इस बारे में संसद में आने वाले विधेयक का उनके सांसद विरोध न करें। सेना की तरफ से यह विपक्षी दलों को एक तरह की चेतावनी थी, जिसमें बात न मानने पर दुष्परिणाम भुगतने की धमकी छिपी हुई थी। मुख्य विपक्षी दल के नेता शहबाज शरीफ को जेल में डाले जाने और अन्य कई विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी के लिए जारी वारंट इस दुष्परिणाम के संकेत थे।


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