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COVID-19: सिंध में अल्पसंख्यक समुदाय ने PAK से कोई सहायता ना मिलने पर दूसरी सरकारों से मांगी मदद

कई मीडिया आउटलेट्स ने यह भी बताया है कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रहा है और उन्हें ऐसे समय में पर्याप्त सहायता नहीं दे रहा है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sun, 19 Apr 2020 04:25 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2020 04:25 PM (IST)
COVID-19: सिंध में अल्पसंख्यक समुदाय ने PAK से कोई सहायता ना मिलने पर दूसरी सरकारों से मांगी मदद
COVID-19: सिंध में अल्पसंख्यक समुदाय ने PAK से कोई सहायता ना मिलने पर दूसरी सरकारों से मांगी मदद

सिंध, एएनआइ। सिंध में अल्पसंख्यक समुदायों ने प्रभावशाली लोगों और अन्य सरकारों से अपील की है कि वे उन्हें खाद्य सहायता प्रदान करें क्योंकि कोरोना वायरस प्रसार के कारण चल रहे संकट के दौरान पाकिस्तान उन्हें उचित सहायता प्रदान नहीं कर रहा है।

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द राइज़ न्यूज़ (सिंध के एक स्वतंत्र गैर-लाभकारी डिजिटल समाचार आउटलेट) पर अपलोड किए गए वीडियो संदेश में कहा गया, विंदो कुमार और टंडो एम. खान, सिंध में लोग अल्पसंख्यक समुदाय के हैं, उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से लोगों को भोजन सहायता प्रदान करने का आग्रह किया है क्योंकि उनके पास कोई सहायता नहीं है और न ही वे संकट की इस अवधि में कमाने में सक्षम हैं।

कुमार को वीडियो में यह कहते हुए सुना गया, 'वीडियो में कोरोना वायरस प्रकोप के कारण मेरे समुदाय के लोग बहुत चिंतित हैं। हम यहां अल्पसंख्यक हैं। हम ज्यादातर ठेका मजदूरों या नाइयों और विक्रेताओं की छोटी दुकानों में काम करते हैं।' बता दें कि 18 अप्रैल तक, पाकिस्तान में COVID-19 के 7,481 मामले सामने आ चुके हैं। देश में शुक्रवार को 24 घंटे के भीतर 23 लोगों की कोरोना वायरस से संबंधित मौतों को दर्ज किया है।

कई मीडिया आउटलेट्स ने यह भी बताया है कि पाकिस्तान अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रहा है और उन्हें ऐसे समय में पर्याप्त सहायता नहीं दे रहा है। जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए एकजुट हो रही है, ऐसे में देश में अल्पसंख्यकों को अकेला छोड़ दिया गया है। वहीं, कई प्रांतों की सरकारों ने लॉकाउन के बीच दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों और मजदूरों को स्थानीय एनजीओ और प्रशासन के माध्यम से राशन वितरित करने के आदेश जारी किए हैं।

खाद्य आपूर्ति का वितरण स्थानीय सरकार द्वारा जिला सरकार के सहयोग से किया जाना था। लेकिन अल्पसंख्यक समूहों ने नियमित रूप से शिकायत की है कि स्थानीय अधिकारियों सिर्फ परेशान कर रहे हैं, किसी प्रकार से सहायता नहीं हो रही।


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