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पाक में कोरोना संक्रमित डॉक्टर को नहीं मिला वेंटिलेटर, दो घंटे एंबुलेंस में लगाते रहे चक्कर फिर मौत

पाकिस्तान में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा होता जा रहा है। हालात ये हो गए हैं कि मरीजों को वेंटिलेटर नहीं मिल पा रहा है जिससे उनकी मौत हो रही है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 05 May 2020 12:50 PM (IST)Updated: Tue, 05 May 2020 12:50 PM (IST)
पाक में कोरोना संक्रमित डॉक्टर को नहीं मिला वेंटिलेटर, दो घंटे एंबुलेंस में लगाते रहे चक्कर फिर मौत
पाक में कोरोना संक्रमित डॉक्टर को नहीं मिला वेंटिलेटर, दो घंटे एंबुलेंस में लगाते रहे चक्कर फिर मौत

कराची। पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन बढ़ोतरी हो रही है। सरकार यहां ऐसे मरीजों के लिए पूरी व्यवस्था नहीं कर पाई है। जिसके कारण मौतों का आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। सोमवार को यहां एक डॉक्टर को भी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाई जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। डॉक्टर का नाम डॉ.फुरकान था। वो कोरोना वायरस संक्रमण के शिकार हो गए थे।

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उन्होंने खुद को घर में ही आइसोलेट कर लिया था मगर जब उनकी तबियत बिगड़ी तो परिजन उनको शहर के बड़े अस्पतालों में इलाज के लिए लेकर गए मगर वहां उनको वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिल पाई जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई।

डॉक्टर फुरकान को वेंटिलेटर की सुविधा दिलाने के लिए उनके परिजन उनको दो घंटे तक एंबुलेंस में लेकर पूरे शहर में चक्कर लगाते रहे मगर कहीं पर भी उनको वेंटिलेटर नहीं मिल सका। जिन अस्पतालों में वेंटिलेटर की सुविधा थी वो पहले से भरे हुए थे बाकी जिन जगहों पर उपलब्ध थे वो ठीक तरह से काम नहीं कर रहे थे। ऐसे में ये सवाल भी उठ रहा है कि पाकिस्तान सरकार अपने मौजूदा अस्पतालों में खराब हुए वेंटिलेटरों को भी ठीक नहीं करवा पाई है जिसके कारण मरीजों की मौत हो रही है।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सिंध प्रांत की राजधानी कराची में कोरोना संक्रमित एक डॉक्टर फुरकान को वेंटिलेटर नहीं मिल सका जिसकी वजह से बेबसी की हालत में उन्होंने दम तोड़ दिया। स्थानीय मीडिया और एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि सिंध प्रांत में सरकारी अस्पतालों की हालत बहुत बुरी है और लोगों को सही इलाज मिलना काफी मुश्किल हो गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां के निजी अस्पताल भी कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों से भरे पड़े हैं। डॉक्टर फुरकान कराची इंस्टीट्यूट आफ हार्ट डिजीज से रिटायर हुए थे। वो कोरोना वायरस संक्रमण के शिकार हो गए थे। उन्होंने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया था। परिजनों ने बताया कि हर तरफ से मायूस होकर उन्हें सरकारी अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां कई वेंटिलेटर खराब मिले।

उन्होंने बताया कि जो वेंटिलेटर काम भी कर रहे थे वे खाली नहीं थे। परिजनों का कहना है कि डॉ. फुरकान करीब दो घंटे तक एंबुलेंस में रहे और वे लोग उन्हें लेकर अस्पतालों का चक्कर लगाते रहे। रिपोर्ट के मुताबिक, बड़े अस्पतालों ने वापस भेज दिया जिसके बाद उन्हें एक और अस्पताल ले जाया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी डॉक्टर फुरकान की मौत हो गई थी।  


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