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रावलपिंडी में डेंगू ने मचाया आतंक, लगभग 15 सौ मामले सामने आए

पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में डेंगू ने हाहाकार मचा कर रख दिया है। इस वर्ष अब तक शहर में 1462 से अधिक नागरिकों में डेंगू बुखार का अब-तक सकारात्मक परीक्षण किया गया है।

By TaniskEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 08:56 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 11:23 AM (IST)
रावलपिंडी में डेंगू ने मचाया आतंक, लगभग 15 सौ मामले सामने आए
रावलपिंडी में डेंगू ने मचाया आतंक, लगभग 15 सौ मामले सामने आए

रावलपिंड़ी, आइएएनएस। पाकिस्तान के रावलपिंडी शहर में डेंगू ने हाहाकार मचा कर रख दिया है। इस वर्ष अब तक शहर में 1,462 से अधिक नागरिकों में डेंगू बुखार का अब-तक सकारात्मक परीक्षण किया गया है। इस बीमारी के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए अभियान तेज कर दिया गया है। रविवार को मीडिया से बात करते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी (डीएचओ) जीशान ने बताया कि वर्तमान में अस्पतालों में 485 मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 334 का डेंगू परीक्षण सकारात्मक पाया गया है। 

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विभागों को सतर्क रहने को कहा गया
उन्होंने कहा कि सितंबर में यह बीमारी और तेजी से फैलती है। इसलिए सभी विभागों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त रूप से सतर्क कर दिया गया है। रावलपिंडी इसके लिए सबसे संवेदनशील क्षेत्र है।उन्होंने बताया कि फॉगिंग और निगरानी का विस्तार उन क्षेत्रों में किया गया है, जहां से डेंगू से पीड़ित मरीजों की रिपोर्ट आ रही है। इसके अलावा वहां एंटी-डेंगू स्प्रे भी किया जा रहा है।

ग्रामीण इलाकों को लेकर निर्देश 
इस बीच, अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साइमा यूनास ने डेंगू रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि के बाद रावलपिंडी कचरा प्रबंधन कंपनी के अधिकारियों को जिले के ग्रामीण इलाकों में कचरे की सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। एडीसी ने अधिकारियों को डेंगू बुखार के रोगियों के उपचार की व्यवस्था करने को कहा है। 

200 चीनी नागरिकों में डेंगू की खबर आई थी
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले ये खबर सामने आई थी कि पाकिस्तान में एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम कर रहे लगभग 200 चीनी नागरिकों को डेंगू हो गया है। जानकारी अनुसार ये सभी चीनी नागरिक कराची के हॉक्स बे के तटीय क्षेत्र के पास परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम कर रहे थे। 

जानलेवा बीमारी है डेंगू
गौरतलब डेंगू उन खतरनाक बीमारियों में शामिल है, जिसका इलाज अगर सही वक्त पर शुरू नहीं हुआ तो यह जानलेवा भी हो सकती है। बीते कुछ सालों में हजारों लोगों की मौत की इससे हुई है। डेंगू बरसात के मौसम और उसके फौरन बाद के महीनों यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है, क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं।

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