Move to Jagran APP

Pakistan: बिलावल भुट्टो पर सियासी हमला कर फंस गए इमरान, जानिए फिर क्या हुआ

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के बीच अगर राजनीतिक गठजोड़ कायम होता है तो यह इमरान सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं होगा।

By Brij Bihari ChoubeyEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 04:44 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 04:44 PM (IST)
Pakistan: बिलावल भुट्टो पर सियासी हमला कर फंस गए इमरान, जानिए फिर क्या हुआ
Pakistan: बिलावल भुट्टो पर सियासी हमला कर फंस गए इमरान, जानिए फिर क्या हुआ

इस्लामाबाद (एजेंसी): पुलवामा आतंकी हमले Pulwama terror attack का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई Air Strike के बाद यहां के सत्ता पक्ष और विपक्ष की एकजुटता की दीवार टूटकर गिरने लगी है। इसके लिए कोई और नहीं बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान खुद ही जिम्मेदार हैं। क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान को पिछले हफ्ते सिंध प्रांत के थर में एक जनसभा में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सांसद और पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल भुट्टो की आलोचना करना भारी पड़ सकता है। हो सकता है कि बिलावल भुट्टो अपनी प्रतिद्वंद्वी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ के साथ हाथ मिला लें। उन्होंने सोमवार को इसका संकेत भी दे दिया।

loksabha election banner

मियां नवाज शरीफ से मिले बिलावल
सोमवार को बिलावल भुट्टो ने लाहौर की कोट लखपत जेल में सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री मियां नवाज शरीफ से मुलाकात की। इसके बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में हालांकि उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के सियासी मायने न लगाए जाएं क्योंकि वे मियां शरीफ की तबियत का हाल जानने आए थे और उनसे कहने आए थे कि वे इलाज न करवाने की जिद छोड़ दें। लेकिन, सियासी जानकार इस बैठक को भावी राजनीति की शुरुआत मान रहे हैं क्योंकि बिलावल ने कहा कि शरीफ की तबियत के बारे में पूछने के अलावा उन्होंने उनसे चार्टर ऑफ डेमोक्रेसी को लेकर भी चर्चा की। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और नवाज शरीफ के बीच 2006 में चार्टर ऑफ डेमोक्रेसी पर सहमति जताई गई थी।

इमरान से नाराजगी क्यों
बिलावल भुट्टो सिर्फ अपनी आलोचना से ही नाराज नहीं है बल्कि हाल में नेशनल एसेंबली में बजट पर चर्चा के दौरान अंग्रेजी में दिए गए उनके भाषण का मजाक उड़ाए जाने से भी खफा हैं। दरअसल, उनके भाषण के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीके इन्साफ के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री असद उमर ने बिलावल का मजाक उड़ाया था। यही नहीं, उमर ने बिलावल के नाम के साथ भुट्टो और जरदारी के इस्तेमाल पर भी तंज किया था। इस पर बिलावल ने व्यंग्य करते हुए कहा कि इमरान सरकार ने अभी नाम के आगे पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किए जाने का कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है।  इमरान की आलोचना और अंग्रेजी भाषण का मजाक उड़ाए जाने के बाद बिलावल भुट्टो और उनकी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने मियां नवाज शरीफ के साथ हाथ मिलाने का संकेत देकर इमरान की धड़कनें बढ़ा दी हैं।

नए सियासी गठजोड़ का संकेत
प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में बिलावल ने इसके संकेत भी दे दिए। उन्होंने कहा कि हम शरीफ की पार्टी के साथ अपनी पुरानी दुश्मनी के साथ नहीं जी सकते हैं। बता दें कि बिलावल के पिता आसिफ अली जरदारी को शरीफ के प्रधानमंत्रित्व काल में ही गिरफ्तार कर इसी कोट लखपत जेल में रखा गया था। तब बिलावल अपने पिता से मिलने इस जेल में आया करते थे। उसे याद करते हुए बिलावल ने सोमवार को कहा कि यह उनके लिए एक ऐतिहासिक दिन है। कहीं ऐसा न हो कि उनकी तरह इमरान खान के बच्चों को भी अपने पिता को देखने यहां आना पड़े। यह इमरान को खुली चुनौती है। अब देखना यह है कि यह नई सियासी समझदारी पाकिस्तान में क्या रंग दिखाती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.