ग्वादर बंदरगाह को घेरने की योजना पर बलूचियों ने जताया एतराज, स्थानीय लोगों ने इसे संविधान का उल्लंघन करार दिया
पहले से ही विपक्ष के हमले झेल रही पाकिस्तान की इमरान खान सरकार अब आम लोगों के निशाने पर आ गई है। बलूचिस्तान के लोग ग्वादर बंदरगाह के पूरे 24 किलोमीटर इलाके को घेरने की पाकिस्तान सरकार की योजना का विरोध कर रहे हैं।
पेशावर, एएनआइ। ग्वादर बंदरगाह के पूरे 24 किलोमीटर इलाके को घेरने की पाकिस्तान सरकार की योजना का बलूचिस्तान के लोग विरोध कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने इस कोशिश को बलूचिस्तान प्रांत का संघीयकरण करने का आरोप लगाते हुए देश के संविधान का उल्लंघन करार दिया है। ग्वादर बंदरगाह को पाकिस्तान ने चीन की ओवरसीज पोर्ट होल्डिंग कंपनी को 40 वर्ष के पट्टे पर दे रखा है। यह बंदरगाह ना केवल बीजिंग के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है बल्कि हिंद महासागर में उसके प्रभाव को भी बढ़ाता है।
एशिया टाइम्स में एफएम शकील द्वारा लिखे गए एक लेख में कहा गया है कि बलूच सांसदों ने इस योजना की निंदा की है और सरकार के इन प्रयासों के खिलाफ पाकिस्तान की संसद में आवाज उठाने पर विचार कर रहे हैं। पाकिस्तानी सेना मकरान प्रशासन, ग्वादर विकास प्राधिकरण, ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण और बलूचिस्तान की प्रांतीय सरकार के साथ मिलकर ग्वादर स्मार्ट पोर्ट सिटी मास्टर प्लान के तहत इस परियोजना को पूरा करेगी।
अधिकारियों ने परियोजना के पहले चरण में ट्रैफिक को देखते हुए 15 हजार एकड़ भूमि को लोहे के तारों से घेरने की योजना बनाई है। पाकिस्तान सरकार से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए इस इलाके में 500 से अधिक कैमरे लगाए जाएंगे। कुछ सांसदों का मानना है कि तारे से घेरे गए इलाके पर नजर रखने के लिए चीन प्रवेश और निकास के दौरान परमिट प्रणाली लागू कर सकता है।
बलुचिस्तान में पाकिस्तानी सेना की मुखर आलोचक रहीं करीमा बलूच की टोरंटो में हत्या किए जाने के बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। टोरंटो पुलिस मुख्यालय पर शुक्रवार को करीमा बलूच की हत्या के विरोध में प्रदर्शन हुआ। इधर पाकिस्तान के बलूच नेताओं ने कनाडा के प्रधानमंत्री से सख्त कार्रवाई की मांग की है। मालूम हो कि करीमा बलूच की हत्या टोरंटो में मंगलवार हो कर दी गई थी। उनका शव झील के किनारे मिला था। इस हत्या में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का हाथ होने का संदेह जताया गया है।