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बलूच छात्रों पर पुलिस का अत्याचार, ऑनलाइन क्लास के लिए इंटरनेट की कर रहे थे मांग

ऑनलाइन क्लासेज के लिए इंटरनेट नहीं मुहैया कराए जाने को लेकर क्वेटा में बलूच और पश्तून छात्रों ने प्रदर्शन किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 25 Jun 2020 09:53 AM (IST)Updated: Thu, 25 Jun 2020 09:53 AM (IST)
बलूच छात्रों पर पुलिस का अत्याचार, ऑनलाइन क्लास के लिए इंटरनेट की कर रहे थे मांग
बलूच छात्रों पर पुलिस का अत्याचार, ऑनलाइन क्लास के लिए इंटरनेट की कर रहे थे मांग

क्वेटा, एएनआइ। ऑनलाइन क्लासेज के लिए इंटरनेट मुहैया न कराए जाने पर बलूचिस्तान  के क्वेटा में बलूच व पश्तूनी छात्र-छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें केवल गिरफ्तार ही नहीं किया बल्कि उनके साथ क्रूर व्यवहार भी किया। सूत्रों के अनुसार, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन क्लासेज की प्रक्रिया अपनाई गई  लेकिन बलूच छात्रों को इंटरनेट की सुविधा नहीं है और इसलिए वे  क्वेटा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। 

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इस घटना की बलूच व पश्तून नेताओं समेत पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी  व विपक्षी दलों ने भी निंदा की। सूत्रों के अनुसार, कोविड-19 के मद्देनजर शुरू किए गए ऑनलाइन क्लासेज का बलूच छात्र क्वेटा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के जरिए विरोध कर रहे थे। इन  छात्रों ने दावा किया कि बलूचिस्तान के अधिकांश इलाकों में इंटरनेट सर्विस नहीं है और जिन इलाकों में इंटरनेट एक्सेस है भी तो वे न ब्राउज कर सकते हैं न ही अपना मेल चेक कर सकते हैं। इन प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोका और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान बलूच राइट्स व स्टूडेंट एक्टिविस्ट महारंग बलूच ( Mahrang Baloch), साबिहा बलूच ( Sabiha Baloch),  महलाब बलूच (Mehlab Baloch) व दर्जनों छात्र-छात्राओं को गिरफ्तार कर लिया।

महारंग बलूच ने इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट कर घटना की जानकारी दी। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, 'अन्य छात्रों के साथ मुझे गिरफ्तार कर लिया गया है। हम ऑनलाइन क्लासेज के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे।  पुलिस ने सभी छात्र-छात्राओं को पीटा है।' 

पश्तून तहफूज मूवमेंट के नेता मंजूर पश्तीन (Manzoor Pashteen) ने अपने ट्वीट में इस घटना की निंदा की और कहा, 'क्वेटा में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं की गिरफ्तारी अपमानजनक रवैया है। ऑनलाइन क्लासेज के लिए इंटरनेट मुहैया कराने के बजाए उन्हें जेल में बंद कर दिया गया। हम उनकी तत्काल रिहाई की मांग करते हैं। उनकी मांग को जरूर स्वीकार किया जाना चाहिए ताकि उन्हें विरोध प्रदर्शन की जरूरत न हो।


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