कट्टरपंथियों के डर से आसिया के वकील ने छोड़ा पाकिस्तान
ईसाई महिला आसिया बीबी के वकील सैफुल मालुक ने दावा किया है कि उन्हें वकीलों के एक वर्ग से लगातार धमकी मिल रही है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र/आइएएनएस। ईशनिंदा में सुप्रीम कोर्ट से बरी हुई ईसाई महिला आसिया बीबी के वकील ने कट्टरपंथियों के डर से शनिवार को पाकिस्तान छोड़ दिया। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताया और प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार से मुल्क में अपने परिवार के लिए सुरक्षा मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने गत बुधवार को अपने ऐतिहासिक फैसले में आसिया को मिली मौत की सजा को पलट दिया था। तभी से कट्टरपंथी सड़कों पर नाकेबंदी कर बवाल कर रहे थे।
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, आसिया के वकील सैफूल मलूक ने दावा किया कि उन्हें वकीलों के एक धड़े से जान से मारे जाने की धमकी मिल रही थी। ऐसे हालात में उनके लिए काम करना मुश्किल हो गया था। उन्होंने हालांकि यह साफ किया कि अगर सेना उन्हें सुरक्षा मुहैया कराती है तो वह पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई शुरू होने पर आसिया की पैरवी करने के लिए पाकिस्तान लौट जाएंगे। मलूक ने कहा, 'मेरा परिवार भी इसी तरह के खतरों का सामना कर रहा है और संघीय सरकार उनको सुरक्षा मुहैया कराए।' अभी यह पता नहीं चल सका है कि वह खतरे से बचने के लिए कहां गए हैं?
बता दें कि 47 वर्षीय आसिया को साल 2010 में मौत की सजा सुनाई गई थी। उन पर आरोप था कि उन्होंने पड़ोसियों के साथ झगड़े में इस्लाम का अपमान किया है। उन्होंने हालांकि इससे इन्कार किया था और खुद को निर्दोष बताया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनको गुरुवार रात जेल से रिहा कर दिया गया था। इसके बाद मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया कि वह अपनी जान को खतरे के चलते पाकिस्तान छोड़ सकती हैं।
पुनर्विचार याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह
आसिया मामले के शिकायतकर्ता कारी मुहम्मद सलाम ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह किया है। सलाम ने कहा कि आसिया मुल्क छोड़ने की तैयारी में हैं और उनका नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डालने के लिए आवेदन दिया गया है। ईसीएल में शामिल व्यक्ति के देश छोड़ने पर रोक होती है।
सरकार के साथ समझौते के बाद विरोध प्रदर्शन खत्म
आसिया को बरी किए जाने पर विरोध-प्रदर्शन की अगुआई कर रहे कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लबैक पार्टी (टीएलपी) ने सरकार के साथ समझौते के बाद शनिवार को अपना आंदोलन खत्म कर दिया। डॉन अखबार के अनुसार, टीएलपी ने यह भरोसा मिलने के बाद विरोध-प्रदर्शन समाप्त किया कि सरकार आसिया का नाम ईसीएल में डालने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करेगी।
सरकार पुनर्विचार याचिका का विरोध भी नहीं करेगी। टीएलपी के नेतृत्व में कट्टरपंथी संगठन गत बुधवार से ही पाकिस्तान के कई शहरों में बवाल कर रहे थे। उन्होंने प्रमुख मार्गो को अवरुद्ध कर दिया था। इसके चलते शिक्षण संस्थाओं को बंद करना पड़ा था। मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई थीं।