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जरदारी बोले- कश्मीर समस्या के हल को तैयार थे राजीव गांधी और बेनजीर

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा है कि कश्मीर समस्या के हल के लिए 1990 में राजीव गांधी और बेनजीर भुट्टो के बीच बातचीत हुई थी।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 06:36 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2018 08:17 AM (IST)
जरदारी बोले- कश्मीर समस्या के हल को तैयार थे राजीव गांधी और बेनजीर
जरदारी बोले- कश्मीर समस्या के हल को तैयार थे राजीव गांधी और बेनजीर

लाहौर (पीटीआई)। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी का दावा है कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए भारत के पूर्व पीएम राजीव गांधी और बेनजीर भुट्टो तैयार थे, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय नेता की हत्या हो जाने से बात आगे नहीं बढ़ी। जरदारी के अनुसार, कश्मीर विवाद के हल को लेकर जनरल परवेज मुशर्रफ भी राजी थे, लेकिन सेना के अन्य जनरल उनकी योजना से सहमत नहीं थे।

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1990 में राजीव गांधी से हुई थी बात

सोमवार शाम को लाहौर में आयोजित कश्मीर रैली को संबोधित करते हुए जरदारी ने कहा, '1990 में बीबी (बेनजीर भुट्टो) साहिबा ने राजीव गांधी से बात की थी। भारत के पूर्व पीएम भी इस बात के लिए राजी थे कि कश्मीर मसले का शांतिपूर्ण हल निकलना चाहिए। राजीव ने उस समय बेनजीर से कहा था कि पिछले दस वर्षो में जनरल जिया सहित किसी ने भी इस मसले पर हमसे बात नहीं की।

' पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के मुताबिक, 'बेनजीर से बातचीत में राजीव गांधी ने माना था कि कश्मीर एक महत्वपूर्ण मसला है और इसका समाधान किया जाना चाहिए। भारत के पूर्व ने भरोसा दिलाया था कि सत्ता में आने के बाद वह इस मुद्दे को पाकिस्तान के साथ उठाएंगे, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान 21 मई, 1991 को उनकी हत्या कर दी गई।' पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता के अनुसार, 'उनकी पार्टी के अलावा कभी किसी अन्य दल की सरकार ने कश्मीर मसले को भारत के साथ नहीं उठाया।'

मुशर्रफ भी विवाद के समाधान के लिए थे राजी, लेकिन अन्य जनरल नहीं थे साथ

जरदारी ने बताया कि बेनजीर के बाद 2008-13 के बीच चली पीपीपी सरकार ने ही भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कश्मीर मसले पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ भी कश्मीर समस्या का समाधान चाहते थे, लेकिन सेना के अन्य जनरल उनसे सहमत नहीं थे। उन लोगों ने मुशर्रफ की योजना को भारत के हित वाला बताते हुए खारिज कर दिया था।

बकौल जरदारी, 'मेरे पास कश्मीर को लेकर मुशर्रफ की गुप्त योजना की एक प्रति है। इस योजना को मुशर्रफ ने जब सेना के अन्य जनरल के समक्ष पेश किया तो वे सब कक्ष से उठकर बाहर चले गए थे।' उन्होंने नवाज शरीफ पर करारा हमला बोला। कहा, 'मोदी के दोस्त नवाज शरीफ कश्मीर पर बात नहीं कर सकते। कश्मीरियों से दगा करने के कारण ही उन्हें पीएम पद से हाथ धोना पड़ा।'


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