नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी, तोशखाना मामले में आरोपित हैं पूर्व प्रधानमंत्री
तोशखाना वह विभाग है जो पाकिस्तान के शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों को दूसरे देशों से मिलने वाले उपहारों का संग्रह करता है।
इस्लामाबाद, एजेंसियां। तोशखाना मामले में पेश नहीं होने पर पाकिस्तान की जवाबदेही अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक, जवाबदेही अदालत के न्यायाधीश सैय्यद असगर अली ने 15 मई को नवाज शरीफ, एक अन्य पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ जरदारी को तोशाखाना मामले में शुक्रवार को पेश होने के लिए कहा था। गिलानी और एक अन्य आरोपी अदालत में पेश हुए, लेकिन नवाज और जरदारी नहीं आए। जरदारी की तरफ से कोर्ट में पेशी से छूट के लिए अर्जी दायर की गई जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया लेकिन शरीफ की तरफ से अदालत में कोई पेश ही नहीं हुआ।
तोशखाना वह विभाग है जो पाकिस्तान के शासनाध्यक्षों और राष्ट्राध्यक्षों को दूसरे देशों से मिलने वाले उपहारों का संग्रह करता है। यह तमाम उपहार राष्ट्र की संपत्ति होते हैं और इन्हें खुली नीलामी में ही बेचा जा सकता है। जरदारी पर आरोप है कि लीबिया और संयुक्त अरब अमीरात से उन्हें बतौर राष्ट्रपति मिले वाहनों को उन्होंने तोशखाना में जमा कराने के बजाए उनका स्वयं इस्तेमाल किया। इसी तरह आरोप है कि गिलानी के प्रधानमंत्री काल में नवाज शरीफ को तोशाखाना से वाहन दिए गए। अदालत ने साथ ही जरदारी, शरीफ व अन्य सभी आरोपियों को मामले की सुनवाई की अगली तारीख 11 जून को अदालत में पेश होने को कहा।
दो और भ्रष्टाचार के संदर्भों को दाखिल करने की दी गई थी मंजूरी
वही, इसके पहले पाकिस्तान के भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने जवाबदेही अदालत में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ दो और भ्रष्टाचार संदर्भों को दाखिल करने को मंजूरी दी थी। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के क्षेत्रीय बोर्ड ने अपने महानिदेशक शहजाद सलीम की अध्यक्षता में कुछ दिन पहले बैठक बुलाई गई थी। बोर्ड की इस बैठक में 70 वर्षीय नवाज के खिलाफ इन मामलों पर चर्चा की गई।
नवाज शरीफ के उनके छोटे बेटे शाहबाज शरीफ , बेटी मरयम नवाज व 13 अन्य लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग व जमीन से जुड़े मामले को लेकर जांच चल रही है। इसी तरह बोर्ड ने नवाज शरीफ के खिलाफ 54 कनाल लैंड केस में जियो मीडिया ग्रुप के फाउंडर मीर शकीलुर रहमान व दो अन्य के खिलाफ संदर्भों को दर्ज करने की अनुमति भी दी थी।