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पाकिस्तान में खोजा गया 3000 साल पुराना शहर, बताया जा रहा सिकंदर का अवशेष

पाकिस्तान और इटली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने एक साथ मिलकर 3000 साल पुराने शहर की खोज की है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 15 Nov 2019 03:48 PM (IST)Updated: Fri, 15 Nov 2019 03:48 PM (IST)
पाकिस्तान में खोजा गया 3000 साल पुराना शहर, बताया जा रहा सिकंदर का अवशेष
पाकिस्तान में खोजा गया 3000 साल पुराना शहर, बताया जा रहा सिकंदर का अवशेष

पेशावर, पीटीआइ। पाकिस्तान और इटली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने 3000 साल पुराने शहर की खोज की है। माना जा रहा है कि उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में संयुक्त उत्खनन में महान सिकंदर के अवशेष है। 5,000 साल पुरानी सभ्यता और इसकी कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले के बारिकोट तहसील में बेज़ेरा नाम की शहर की खोज की गई थी। खोज में उस काल के हिंदू मंदिरों, सिक्कों, स्तूपों, बर्तनों और हथियारों के निशान भी मिले।

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सिकंदर के समय से पहले भी मिले जीवन के अवशेष 

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि सिकंदर 326 ईसा पूर्व में अपनी सेना के साथ स्वात में आया था और उसने ओडीग्राम क्षेत्र में एक लड़ाई में विरोधियों को हराया और बेज़ेरा नामक किले का निर्माण किया। विशेषज्ञों ने सिकंदर के काल से पहले भी शहर में जीवन के निशान पाए थे। सिकंदर से पहले, इंडो-ग्रीक, बुद्धमत, हिंदू शाही और मुसलमान के अनुयायी शहर में रहते थे।

पहले भी खोजी गई सभ्यता 

भारतीय  पुरातत्व संस्थान के एक अधिकारी ने साल 1922 मोहनजोदड़ो को खोजा था। इसके बाद 1947न में जब भारत का विभाजन हुआ तो ये पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हिस्से में चली गई थी। इसके बाद 50 सालों तक कई चरणों में यहां खुदाई की गई। इस दौरान यहां ताम्र युग में बसे एक शहर के अवशेष मिले। गौरतलब है कि हड़प्पा सभ्यता के अन्य शहरों की ही तरह मोहनजोदड़ो भी वास्तुकला की एक नायाब मिसाल है। जो शहर मिले थे उन इतने सही तरीके से बसाया गया था कि उस तरीके से पूरे शरह के डिजाइन की प्लानिंग कर पाना बेहद मुश्किल है। ऐसा माना जाता है कि लगभग 1900 ईसापूर्व में इसका अंत हो गया। 

वैज्ञानिकों का मानना है कि मोहनजोदड़ो को सबसे बड़ा खतरा पर्यटकों से है जो हर साल हजारों की संख्या में वहा जाते है। 2014 फरवरी में सिंध महोत्सव में यहां सैंकड़ों मजदूर यहां पहुंचे थे। 


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