अवैध बांधों के निर्माण के मुद्दे पर PoK में चीन के खिलाफ बवाल
कोहला हाइड्रो परियोजना समेत नीलम और झेलम नदी पर बन रहे अवैध बांधों के मद्देनजर PoK के मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान व चीन का जोरदार विरोध किया गया।
मुजफ्फराबाद, एएनआइ। कोहला हाइड्रो परियोजना (Kohala Hydro power projects) समेत नीलम (Neelam)और झेलम (Jhelum) नदी पर बन रहे अवैध बांधों के मद्देनजर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुजफ्फराबाद (Muzaffarabad) में चीन और पाकिस्तान के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किया गया।
प्रदर्शनकारियों ने इन बांधों के निर्माण को पर्यावरण के खिलाफ बताया है। इसके लिए सोशल मीडिया कैंपेन भी चलाई जा रही है। ट्विटर पर (Twitter trend) हैशटैग #SaveRiversSaveAJK कैंपेन लॉन्च की गई है ताकि यह मामला वैश्विक मंच पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने सवाल किया है कि विवादित क्षेत्र में कौन से कानून के तहत पाकिस्तान और चीन के बीच समझौता किया गया है। इनका कहना है कि पाकिस्तान और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council resolutions) का उल्लंघन कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उल्लंघन
प्रदर्शनकारियों ने सवाल किया है कि विवादित क्षेत्र में कौन से कानून के तहत पाकिस्तान और चीन के बीच समझौता किया गया है। इनका कहना है कि पाकिस्तान और चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council resolutions) का उल्लंघन कर रहा है। चीन-पाकिस्तान के बीच इस प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2020 में ही समझौता हुआ है। इस कोहला हाइड्रो परियोजना के जरिए 1124 मेगावाट बिजली तैयार की जाएगी। प्लांट की अनुमानित लागत करीब 18 हजार करोड़ रुपये है। प्रोजेक्ट के तहत 20 किमी लंबी नहर बनाई जाएगी। दिसंबर 2018 में भी मुजफ्फराबाद के लोगों ने नहर के डिजाइन को लेकर विरोध किया था।चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तहत एक डील तय हुआ। इसमें चीन की थ्री जॉर्ज कॉर्पोरेशन, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के अधिकारी और निजी पावर और इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड (पीपीआईबी) की सहमति बनी। जिसके तहत पीओके में 1,124 मेगावाट का हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट तैयार किया जाएगा।
झेलम के ऊपर होगा निर्माण
कश्मीर में बहने वाली झेलम नदी के ऊपर इस प्रोजेक्ट का निर्माण होगा। इसका उद्देश्य पाकिस्तान के लोगों को पांच अरब से ज्यादा साफ और कम लागत वाली बिजली की यूनिट उपलब्ध करानी है। तीन हजार किलोमीटर लंबे चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का मुख्य उद्देश्य चीन और पाकिस्तान को आपस में रेल, सड़क, पाइपलाइन और ऑप्टिकल केबल फाइबर नेटवर्क के जरिए जोड़ना है। ये गलियारा चीन के शिंजियांग और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह को जोड़ेगा और चीन की अरब सागर तक भी पहुंच बढ़ जाएगी।