अमेरिका और ईरान के तनाव के बीच पाकिस्तान ने कहा, अपनी धरती का इस्तेमाल किसी के खिलाफ नहीं होने देंगे
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव के बीच पाकिस्तान ने कहा कि अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा।
इस्लामाबाद, प्रेट। इराक में अमेरिकी ड्रोन हमले में शीर्ष ईरानी सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या के बाद ईरान और अमेरिका के बीच तनाव के बीच पाकिस्तान ने कहा कि अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा। एआरवाई न्यूज ने सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर के बयान के हवाले से कहा है कि किसी के भी खिलाफ हम अपनी धरती का इस्तेमाल किए जाने की अनुमति नहीं देंगे। प्रधानमंत्री इमरान खान का हवाला देते हुए मेजर जनरल ने कहा, 'पाकिस्तान किसी का और किसी के लिए पक्षकार नहीं बनेगा, लेकिन वह शांति का सहयोगी बनेगा।'
अफगानिस्तान ने भी दिया था बयान
दो दिन पहले अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने भी कहा था कि अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच 2014 में हुए सुरक्षा समझौते के अनुसार अफगानिस्तान किसी देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा। इसके बाद पाक सैन्य प्रवक्ता का यह बयान आया है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान दोनों ईरान के साथ सीमा साझा करते हैं, जिसमें अपने शीर्ष जनरल की हत्या का बदला लेने की कसम खाई है। एक सवाल के जवाब में गफूर ने क्षेत्र में जारी तनाव पर चिंता जताते हुए कहा कि ईरान के जनरल के मारे जाने के बाद क्षेत्रीय स्थिति में बदलाव आया है। पाकिस्तान शांति व्यवस्था में मदद करने में अपनी भूमिका निभाएगा।
ईराक में अमेरिकी दूतावास और एयरबेस पर रॉकेट से हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को ईरान को चेतावनी दी कि उसने ईरान में 52 संभावित ठिकानों की पहचान की है। यदि तेहरान ने सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए अमेरिका के खिलाफ किसी भी हमले को अंजाम दिया, तो इसका अंजाम बहुत खतरनाक होगा।
उधर, इराक (Iraq) ने भी अमेरिका (America) के खिलाफ मोर्चा खोला है। रविवार को इराकी संसद ने अमेरिकी सैनिकों को अपने यहां से हटाने के लिेए संसद का एक विशेष सत्र बुलाया है। सांसदों ने बताया कि वह इराक से अमेरिकी सैनिकों वापस भेजने के लिए सांसद वोटिंग के जरिए एक प्रस्ताव पास करेंगे।
शिया विधायक और संसदीय कानून समिति के सदस्य अम्मार अल-शिबली ने कहा, ' इराक से इस्लामिक स्टेट को हराने के बाद अमेरिकी सेना की यहां कोई आवश्यकता नहीं है। हमारे पास अपने सशस्त्र बल हैं जो देश की रक्षा करने में सक्षम हैं।'