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तालिबान ने अब दाढ़ी काटने पर भी लगाई रोक, इस्लामी कानून का दिया हवाला, सख्त सजा की चेतावनी भी दी

तालिबान ने सैलून संचालकों दाढ़ी काटने या शेविंग करने पर भी रोक लगा दी है। तालिबान की ओर से जारी पत्र में दाढ़ी काटने अथवा शेविंग करने को इस्लामी कानून का उल्लंघन बताया गया है। यही नहीं कानून तोड़ने वालों को सख्‍त सजा की चेतावनी जारी की गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 06:01 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 12:22 AM (IST)
तालिबान ने अब दाढ़ी काटने पर भी लगाई रोक, इस्लामी कानून का दिया हवाला, सख्त सजा की चेतावनी भी दी
तालिबान ने अब दाढ़ी काटने या शेविंग करने पर भी रोक लगा दी है।

काबुल, एजेंसियां। बंदूक के दम पर अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज होने वाले तालिबान ने अब दाढ़ी काटने या शेविंग करने पर भी रोक लगा दी है। सैलून संचालकों व अन्य को जारी पत्र में दाढ़ी काटने अथवा शेविंग करने को इस्लामी कानून का उल्लंघन बताया गया है और ऐसा करने वालों को सख्त सजा की भी चेतावनी दी गई है। तालिबान के पत्र का हवाला देते हुए द फ्रंटियर पोस्ट ने एक रिपोर्ट छापी है।

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रिपोर्ट के अनुसार, 'तालिबान ने बाल की स्टाइलिश कटिंग व शेविंग पर भी रोक लगा दी है। इस्लामिक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों ने हेलमंड प्रांत की राजधानी लश्कर गाह में पुरुषों के सैलून का संचालन करने वालों के साथ बैठक की और उन्हें शेविंग व बालों की स्टाइलिश कटिंग न करने की सलाह दी।'

इंटरनेट मीडिया पर वायरल इस आदेश में सैलून संचालकों को अपने प्रतिष्ठान में संगीत बजाने से भी मना किया गया है। आइएएनएस ने बीबीसी की रिपोर्ट के हवाले से बताया कि काबुल के कुछ सैलून संचालक भी तालिबान के इस नए फरमान की पुष्टि कर रहे हैं।

आदेश में कहा गया है कि इसके खिलाफ किसी को भी शिकायत करने की इजाजत नहीं है। सैलून संचालकों का कहना है कि ग्राहक भी डरे हुए हैं। दरअसल, तालिबान वर्ष 1996 से 2001 के अपने शासन के दौरान लागू इस्लामिक शरिया कानून को फिर से प्रभावी कर रहा है। उसने महिलाओं के दफ्तरों में काम करने व बाजार जाने पर भी रोक लगा दी है। 

इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर तालिबान की वकालत करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान के नए शासकों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है ताकि वे अपने वादों को पूरा कर सकें। इमरान ने दलील दी है कि आर्थिक मदद के जरिये ही दुनिया के देश तालिबान पर उसके वादों को पूरा करने के लिए दबाव भी बना सकते हैं।  


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