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इमरान को करारा झटका, तालिबान राज में अफगानिस्तान का पाकिस्तान के साथ व्यापार घटा

तालिबान के शासन में अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बीच व्यापार में 26 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक इससे इतर अफगानिस्तान का ताजिकिस्तान उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के साथ व्यापार बढ़ा है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 11:57 PM (IST)Updated: Tue, 18 Jan 2022 07:01 AM (IST)
इमरान को करारा झटका, तालिबान राज में अफगानिस्तान का पाकिस्तान के साथ व्यापार घटा
इमरान को करारा झटका, तालिबान राज में अफगानिस्तान का पाकिस्तान के साथ व्यापार घटा

काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान राज से सबसे ज्यादा खुश पाकिस्तान का अपने इस पड़ोसी देश के साथ ही व्यापार घटता जा रहा है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के शासन में दोनों देशों के बीच इस साल व्यापार में 26 प्रतिशत की कमी देखने को मिली है। इससे इतर अफगानिस्तान का ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के साथ व्यापार बढ़ा है।

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अफगानिस्तान चैंबर आफ कामर्स एंड इन्वेस्टमेंट (एसीसीआइ) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, अफगानिस्तान इस साल अब तक इन तीन देशों को 3.3 करोड़ डालर का निर्यात, जबकि दो अरब डालर का आयात कर चुका है। एसीसीआइ ने पाकिस्तान के साथ हुए आयात-निर्यात का आंकड़ा जारी नहीं किया, लेकिन बताया कि इस साल दोनों देशों के बीच व्यापार में काफी कमी दर्ज की जा रही है। इसके पीछे की वजहें पाकिस्तान के बैंकों के सख्त नियम और आयात-निर्यात के लिए परिवहन की समस्या है।

ACCI के कार्यकारी चेयरमैन मोहम्मद युनुस मोहमंद (Mohammad Yunus Mohmand) ने कहा, 'इस साल मध्य एशिया से हमारा आयात दो अरब डालर था।' इस बीच अफगानिस्तान पाकिस्तान ज्वाइंट चैंबर आफ कामर्स के अधिकारियों ने कहा कि दोनों देशों के बीच व्यापार में 26 फीसद तक की कमी आई है। चैंबर के प्रमुख नकीबुल्लाह सफी (Naqibullah Safi) ने कहा,'इसके कई कारण हैं। पहला बंदरगाह पर सामानों के परिवहन में कठिनाई, दूसरा पाकिस्तान के बैंकिंग सिस्टम द्वारा व्यापार पर सिलसिलेवार प्रतिबंध जिससे अफगानिस्तान में आयात में कमी आई।' वहीं वित्त मंत्रालय ने बताया कि तालिबान के सत्ता पर काबिज होने से मध्य एशिया व दक्षिण एशिया के बीच ट्रेड व ट्रांजिट के कारण देश के उत्तर में कस्टम रेवेन्यू बढ़ गया। ACCI ने आगे कहा कि इस साल अफगानिस्तान के आयात में कमी देश में बेरोजगारी, गरीबी और आर्थिक दिक्कतों के कारण हुई जिससे बाजार में डिमांड को लेकर तेजी से कमी आई।


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