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अफगानिस्तान की भागीदारी पर तालिबान ने रद की शांति वार्ता

तालिबान ने अमेरिका से अपने 25 हजार कैदियों को रिहा करने की मांग की थी लेकिन अमेरिका सिर्फ 3000 कैदियों को रिहा करना चाहते हैं।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Wed, 09 Jan 2019 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jan 2019 05:21 PM (IST)
अफगानिस्तान की भागीदारी पर तालिबान ने रद की शांति वार्ता
अफगानिस्तान की भागीदारी पर तालिबान ने रद की शांति वार्ता

पेशावर, रायटर। अफगान तालिबान ने अमेरिका के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार से कतर में दो दिनों तक होने वाली शांति वार्ता रद कर दी। तालिबान ने वार्ता में अफगान अधिकारियों की भागीदारी की मांग समेत संघर्ष विराम और कैदियों की अदला-बदली जैसे एजेंडे पर असहमति को इसका कारण बताया है। तालिबान ने इससे पहले सऊदी अरब में वार्ता से इन्कार कर दिया था। सऊदी ने शांति वार्ता में अफगानिस्तान को भी शामिल करने की मांग की थी। इसके बाद कतर में वार्ता करने पर सहमति बनी थी।

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तालिबान से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी अधिकारी कतर में अफगान अधिकारियों से मिलने के लिए जोर दे रहे थे। दोनों पक्षों में अफगानिस्तान में इस साल संघर्ष विराम की घोषणा करने को लेकर भी मतभेद उभरे। इसके बाद दोनों पक्ष कतर में मुलाकात नहीं करने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा, तालिबान ने अमेरिका से 25 हजार कैदियों को रिहा करने की मांग की थी, लेकिन वे सिर्फ तीन हजार को ही रिहा करना चाहते हैं। काबुल में अमेरिका के दूत जॉन बॉस ने बुधवार को एक ट्वीट में कहा, 'तालिबान को साथी अफगान से भी उसी तरह वार्ता करनी चाहिए, जिस तरह वे मीडिया से बात करते हैं।'

अफगानिस्तान में 14 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात
साल 2001 से युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में इस समय करीब 14 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। तालिबान इनकी वापसी की भी मांग कर रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में करीब सात हजार सैनिकों को अमेरिका वापस बुलाने का एलान किया था।


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