George Floyd Death: व्हाइट हाउस अधिकारी की टिप्पणी पर जिम्बाब्वे ने यूएस राजदूत को किया तलब
व्हाइट हाउस अधिकारी ओ ब्रायन ने कहा था कि जिम्बाबवे उन विदेश विरोधी देशों में शामिल है जो अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का फायदा उठा रहे हैं।
हरारे, एपी। जिम्बाब्वे ने व्हाइट हाउस के एक अधिकारी की टिप्पणी को लेकर अमेरिकी राजदूत को हरारे में तलब किया है। यूएस नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा था कि जिम्बाब्वे उन "विदेशी विरोधी" देशों में से हैं जो जॉर्ज फ्लॉयड की मौत पर अमेरिका में अशांति फैलाने की कोशिश कर सकता है। बता दें कि कुछ दिन पहले अमेरिका में हुई एक अश्वेत शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से यहां हिंसक प्रदर्शन जारी हैं।
इस सिलसिले में यूएस एंबेसडर ब्रायन निकोलस ने जिम्बाबवे के विदेश मंत्री से मुलाकात की है। एबीसी न्यूज को दिए इंटव्यू में ओ ब्रायन ने कहा था कि जिम्बाबवे उन विदेश विरोधी देशों में शामिल है जो अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का फायदा उठा रहे हैं। और हमारे लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इन देशों में रूस और चीन का भी नाम लिया था।
40 शहरों में लगा कर्फ्यू
अमेरिका में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों ने अब उग्र रूप अख्तियार कर लिया है। इन प्रदर्शनों के चलते अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पूरे व्हाइट हाउस को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है और सुरक्षा के कड़े इंतेजाम कर दिए गए हैं। प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए 5,000 नेशनल गार्ड को उतारा गया है। इसके अलावा 2000 गार्डों की भी तौनाती की गई है।
ट्रंप ने वामपंथ को ठहराया जिम्मेदार
इस सबके बीच अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलग-अलग शहरों में हो रही हिंसा के लिए देश के वामपंथ को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि दंगाई निर्दोष लोगों को डरा रहे हैं, नौकरियों को नष्ट कर रहे हैं, बिजनेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं और बिल्डिंगों को जला रहे हैं। इससे पहले राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्विटर पर लिखा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका एंटिफा (ANTIFA) को आतंकवादी संगठन के रूप में नामित करेगा।