खलीलजाद ने जताई उम्मीद, अफगान-तालिबान वार्ता के निकलेंगे सकारात्मक नतीजे
उन्होंने कहा इसी के साथ अफगानिस्तान में दो दशकों से चला आ रहा उग्रवाद समाप्त होगा और विदेशी सैनिकों की वापसी संभव होगी।
वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बीच एक बार फिर अफगानिस्तान और तालीबान वार्ता की चर्चा जोरों पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए इस डील को अंजाम तक पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। इस बीच अफगानिस्तान के लिए अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि जल्माय खलीलजाद ने उम्मीद जताई है कि अफगान और तालिबान के बीच वार्ता का नया दौर सकारात्मक होगा। इससे अफगान-तालिबान के बीच शांति प्रक्रिया को मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा इसी के साथ अफगानिस्तान में दो दशकों से चला आ रहा उग्रवाद समाप्त होगा और विदेशी सैनिकों की वापसी संभव होगी। अगर ऐसा होता है तो इस चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। शांति वार्ता की सफलता से करीब 19 साल बाद अमेरिका और नाटो सैनिकों की अफगानिस्तान से वापसी का रास्ता साफ होगा। बता देंं कि दोहा में हो रही रही वार्ता में अफगान सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकार और तालिबान का 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भाग ले रहे हैं।
दोनों युद्ध को समाप्त करने के लिए एक राजनीतिक रोडमैप पर राजी होंगे
खलीलजाद ने कहा कि हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान सरकार और तालिबान युद्ध को समाप्त करने के लिए एक राजनीतिक रोडमैप पर सहमत होंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका दोनों पक्षों के साथ निगरानी और संलग्न करना जारी रखेगा। विशेष दूत ने कहा कि यह अफगानिस्तान में शांति के लिए कूटनीति में एक नया चरण है। अब हम एक ऐसी प्रक्रिया में प्रवेश कर रहे हैं, जो अफगान के स्वामित्व वाली और अफगान के नेतृत्व वाली है। अफगानिस्तान शांति वार्ता अमेरिका-तालिबान समझौते का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसे इस साल की शुरुआत में 29 फरवरी को हस्ताक्षरित किया गया था। उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन तालिबान और अफगान सरकार को बातचीत की ओर ले जाने का प्रयास कर रहा है, जो अंततः संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए अपने सबसे लंबे युद्ध से हटने का मार्ग प्रशस्त करेगा। नवंबर के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की एक महत्वपूर्ण सफलता होगी।
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से अब तक 12 हजार नागरिक मारे गए
अफगानिस्तान के लिए शांति वार्ता का नेतृत्व कर रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने तत्काल प्रभाव से सीजफायर पर जोर दिया। उन्होंने अफगान और तालिबान में जारी जंग में मौतों का जिक्र करते हुए कहा कि फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से अब तक 12 हजार नागरिक मारे जा चुके हैं। नाटो प्रमुख स्टोलटेनबर्ग ने अफगान शांति वार्ता का स्वागत किया और इसे ऐतिहासिक मौका बताया है।