Move to Jagran APP

Yearender2019: तल्खियों में रहे भारत-पाक रिश्‍ते, दुनिया में लोकतंत्र की महिमा, हाथों से फ‍िसल गई सत्‍ता तो...

YearEnder2019 दुनिया में कई हिस्‍सों में राजनीतिक अस्थिरता देखी गई। कहीं लोकतंत्र की खातिर आंदाेलन चला तो कहीं लोकतंत्र की महिमा ने कई को सत्‍ता से बेदखल किया।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 12:39 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:49 AM (IST)
Yearender2019: तल्खियों में रहे भारत-पाक रिश्‍ते, दुनिया में लोकतंत्र की महिमा, हाथों से फ‍िसल गई सत्‍ता तो...
Yearender2019: तल्खियों में रहे भारत-पाक रिश्‍ते, दुनिया में लोकतंत्र की महिमा, हाथों से फ‍िसल गई सत्‍ता तो...

नई दिल्‍ली, जागरण स्‍पेशल। YearEnder2019 साल 2019 जाने वाला है। इस साल अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर कुछ घटनाएं मीडिया की सुर्खियों में रहीं। कई घटनाओं पर दुनिया की नजरें थीं। दुनिया के कई हिस्‍सों में राजनीतिक अस्थिरता देखी गई। कहीं लोकतंत्र की खातिर आंदाेलन चला तो कहीं लोकतंत्र की महिमा ने कई को सत्‍ता से बेदखल किया। कइयों को सत्‍ता का सुख मिला। इस वर्ष भारत-पाकिस्‍तान के रिश्‍ते लगातार तल्‍ख हुए। कूटनीतिक जंग भारत ने पाकिस्‍तान को बेनकाब किया। आइए, हम आपको सालभर की प्रमुख अंतरराष्‍ट्रीय घटनाओं से रूबरू कराते हैं।

loksabha election banner

1- भारत-पाकिस्‍तान के तल्‍ख हुए रिश्‍ते

14 फरवरी, 2019 को जम्‍मू-कश्‍मीर के पुलवामा जिले में श्रीनगर जम्‍मू राजमार्ग पर लेथपोरा के पास आतंकवादियों ने आइइडी धमाके में सुरक्षा बलों के 34 जवान मारे गए। यह इस सदी का सबसे बड़ा आतंकी हमला था। इस हमले में जैश ए मोहम्‍मद का नाम सामने आया।

इसके बाद से दोनों देशों के बीच संबंध तल्‍ख हो गए। 26 फरवरी 2019 को, भारतीय वायु सेना के 12 मिराज 2000 जेट्स ने नियंत्रण रेखा पार की और बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद संचालित आतंकी कैंपों को नष्‍ट कर दिया। इस ऑपरेशन के दौरान लगभग 200 -300 आतंकवादी मारे गए। इसके बाद दोनों देशों के बीच कूटनीतिक जंग शुरू हो गई। इस जंग में भी पाकिस्‍तान को मुंह की खानी पड़ी। कश्‍मीर में अनुच्‍छेद 370 हटने के बाद यह जंग और तेज हो गई।

2- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) पर दुनिया की नजर

27 सिंतबर 2019 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 74वें सत्र पर दुनिया की नजर थी। यह सत्र भारत के लिए खास था। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने महासभा सत्र को संबोधित किया। इमरान का संबोधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के बाद हुआ। मोदी का संबोधन चौथे नंबर पर था, जबकि इमरान सातवें नंबर पर थे। इमरान अपने भाषण के दौरान कश्मीर राग अलापते रहे और परमाणु बम की गीदड़भभकी देते रहे।

सत्र को संबोधित करते हुए इमरान ने 71 बार मुस्लिम, इस्लाम और इस्लामोफोबिया का जिक्र किया। 28 बार आतंकवाद शब्द, पाकिस्तान और कश्मीर शब्द 25 बार जिक्र किया। भारत शब्द का इस्तेमाल 17 बार किया। इसके अलावा 12 बार मोदी, 12 बार आरएसएस शब्दों का इस्तेमाल किया। अपने भाषण में इमरान ने एक बार फिर से परमाणु बम की धमकी दी। उन्होंने कहा कि अगर दो पड़ोसी देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ता है, तो इसका असर दुनियाभर में होगा। अनुच्छेद 370 से हटाए जाने से बौखलाए इमरान ने कहा कि कश्मीर में कर्फ्यू हटते ही खूनखराबा होगा।

3- ट्रंप-किम जोंग हनोई शिखर वार्ता

27 फरवरी , 2019 को वियतनाम की राजधानी हनोई में अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप और उत्‍तर काेरिया के नेता किम जोंग उन शिखर वार्ता पर दुनिया की नजर थी। यहां दोनों नेताओं के बीच दूसरी शिखर वार्ता थी। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु हथियार को लेकर किसी भी तरह का कोई समझौता नहीं हो सका।

ट्रंप और उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग के बीच हनोई शिखर वार्ता बेनतीजा रही। खास बात यह है कि इन दोनों नेताओं के बीच यह दूसरी शिखर मुलाकात थी। व्हाइट हाउस की प्रेस सेकेट्री सराह हकाबे ने कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणुनिरस्त्रीकरण और आर्थिक मामलों पर बातचीत हुई लेकिन इस समय कोई करार नहीं हुआ है।

4- ब्रेक्जिट के चलते अस्थिर रहा ब्रिटेन, PM थेरेसा मे का इस्‍तीफा

7 जून, 2019 ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के तौर पर इस्तीफा दिया। थेरेसा मे यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलने की नीति में नाकाम रहीं, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। थेरेसा ने 23 मई को इस्तीफे का एलान किया था। ब्रेक्जिट के चलते ब्रिटेन में सालभर राजनीतिक अस्थिरता के दौर रहा। यूरोपीय संघ से ब्रिटेन की विदाई का असर राजनीति पर भी पड़ा।

इसके चलते ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे को अपनी कूर्सी गंवानी पड़ी। थेरेसा के इस्तीफे के बाद अब ब्रिटेन के पूर्व विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन नए प्रधानमंत्री बनें। उन्होंने प्रधानमंत्री पद की रेस में वर्तमान विदेश मंत्री जेरेमी हंट को परास्‍त किया।

5- हांगकांग में लोकतंत्र समर्थन के आंदोलन

जून, 2019 को हांगकांग में नए प्रत्यर्पण कानून के खिलाफ लोगों ने आंदोलन शुरू दिया। हालांकि, हांगकांग सरकार ने प्रत्‍यर्पण कानून वापस ले लिया, लेकिन सरकार विरोधी आंदोलन खत्‍म नहीं हुआ। इस बार प्रत्यर्पण कानून मसौदे के खिलाफ हुए आंदोलन को 'प्रो डेमोक्रेसी' कहा गया। हांगकांग को लेकर चीन और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे। 28 नवंबर को अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 बिल हस्‍तक्षार किए।

यह कानून मानवाधिकारों के उल्‍लंघन पर प्रतिबंधों का उपबंध करता है। कांग्रेन ने एक दूसरा विधेयक भी पार‍ित किया है, जिस पर ट्रंप ने भी हस्‍ताक्षर किए हैं। इसके तहत भीड़ नियंत्रण की गतिविधियों जैसे आंसू गैस, काली मिर्च, रबर बुलेट आदि को हांगकांग पुलिस के लिए निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.