Move to Jagran APP

अफगान महिला अधिकारों को लेकर तालिबान ने कहा, हम पर दबाव ना बनाए दुनिया

आमिर मुत्ताकी ने कहा आपको हम पर दबाव बनाकर मांग नहीं करनी चाहिए हमसे सहयोग के जरिए पूछना चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार को मजबूत अंतरराष्ट्रीय समर्थन था लेकिन 20 वर्षों में सुधार लाने में असमर्थ थी।

By Neel RajputEdited By: Published: Tue, 12 Oct 2021 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 12 Oct 2021 03:16 PM (IST)
अफगान महिला अधिकारों को लेकर तालिबान ने कहा, हम पर दबाव ना बनाए दुनिया
तालिबान के कब्जे के बाद अफगान महिला अधिकारों की रक्षा विश्व के लिए चिंता का विषय है

दोहा, एएनआइ। तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा विश्व स्तर पर चिंता का विषय रही है। इस बीच तालिबान ने महिलाओं के अधिकार जैसे मामलों का जिक्र करते हुए कहा है कि दुनिया को दबाव बनाकर मांग नहीं करनी चाहिए, बल्कि उन्हें सहयोग मांगना चाहिए। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान द्वारा नियुक्त कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने दोहा इंस्टीट्यूट फार ग्रेजुएट स्टडीज में सेंटर फार कान्फ्लिक्ट एंड ह्यूमैनिटेरियन स्टडीज द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ये टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने पूर्व अफगान सरकार को लेकर कहा कि दुनिया ने उनका समर्थन किया लेकिन वह सरकार 20 सालों में सुधार लाने में असमर्थ थी।

loksabha election banner

मुत्ताकी ने कहा, 'आपको हम पर दबाव बनाकर मांग नहीं करनी चाहिए, हमसे सहयोग के जरिए पूछना चाहिए।' उन्होंने कहा कि पिछली सरकार को मजबूत अंतरराष्ट्रीय समर्थन था, लेकिन 20 वर्षों में सुधार लाने में असमर्थ थी। उन्होंने कहा, 'अब आप दो महीने में सभी सुधारों की मांग कर रहे हैं।' कार्यक्रम के दौरान मुत्ताकी ने यह भी कहा कि 'अमेरिका और अफगानिस्तान के बीच हस्ताक्षरित दोहा समझौते के पूर्ण कार्यान्वयन से दोनों देशों के बीच किसी भी समस्या का समाधान हो सकता है।'

उन्होंने कहा कि जब तालिबान ने काबुल पर कब्जा किया था, तब COVID-19 के कारण स्कूल पहले ही बंद थे, लेकिन अब वे देश भर में स्कूलों को फिर से खोल रहे हैं। टोलो न्यूज ने मुत्ताकी के हवाले से कहा, 'कोविड के कारण उस समय लड़कों और लड़कियों के लिए काबुल समेत सभी प्रांतों में स्कूल बंद थे। हमने स्कूलों को फिर से खोलना शुरू कर दिया है।' तालिबान अंतरराष्ट्रीय विश्वास हासिल करने के प्रयास में दुनिया को एक उदार छवि देने की कोशिश कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि काबुल हवाई अड्डे के दृश्य इस बात का सबूत थे कि आतंकवादी समूह उसी कट्टरपंथी और हिंसक मानसिकता के साथ वापस आ गया है।

एशिया-पैसिफिक फाउंडेशन के अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा निदेशक के अनुसार, 'महिलाओं का जीवन (1996-2001) तालिबान द्वारा बहुत ही अंधकारमय और गंभीर रूप से दमन किया गया था। महिलाओं की एक मैग्जीन फोर नाइन के मुताबिक, आप एक ऐसे युग को देख रहे हैं जहां एक महिला के जीवन के हर पहलू को नियंत्रित किया गया। तालिबान ने सहशिक्षा पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है। खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हेरात प्रांत में उनके अधिकारियों ने पिछले हफ्ते आदेश दिया था कि लड़कियों को अब विश्वविद्यालयों में लड़कों के साथ कक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.