विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर जोखिम के स्तर को और बढ़ाया, कही यह बात
World Health Organisation यानी WHO ने कोरोना वायरस (COVID-19) के जोखिम के स्तर को बढ़ाकर बेहद उच्च स्तर (high at a global level) पर कर दिया है।
जिनेवा, एजेंसियां। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (World Health Organisation, WHO) ने कोरोना वायरस के फैलने और इसके प्रभाव को लेकर जोखिम को और बढ़ा दिया है। डब्ल्यूएचओ ने वैश्विक स्तर पर इस जोखिम को बेहद उच्च स्तर (high at a global level) पर कर दिया है। WHO ने अपने अधिकारिक बयान में कहा है कि उसके महामारी विशेषज्ञ लगातार वायरस के फैलाव की निगरानी कर रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रॉस ऐडनॉम गैबरेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने जिनेवा में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वायरस के फैलने और इसके प्रभाव का जोखिम वैश्विक स्तर पर अब बहुत ज्यादा हो गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर ने डब्ल्यूएचओ के हवाले से कहा है कि इस वायरस का खतरा जितना बड़ा है उसे देखते हुए विश्व समुदाय उतना तैयार नहीं है जितना चीन... WHO के मुताबिक, चीन ने जितनी सावधानियां बरतीं विश्व समुदाय उस तरह से तैयार नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, इन्हीं सावधानियों के जरिए विश्व समुदाय लोगों को संक्रमित होने से बचा पाएगा। मालूम हो कि कल यानी बृहस्पतिवार को भी WHO की ओर से कहा गया था कि कोरोना वायरस की यह महामारी अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। इसके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने प्रभावित देशों से अपील की थी कि वे इसको काबू में करने के लिए तेजी से कदम उठाएं। डब्ल्यूएचओ की मानें तो यदि इस बीमारी के खिलाफ तेजी से काम किया जाए तो इस पर काबू पाया जा सकता है।
इधर, रूस ने कोरोना वायरस की मार झेल रहे ईरान और दक्षिण कोरिया से मास्को की यात्रा पर प्रतिबंधों की घोषणा की। प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि रूस की यात्रा करने वाले ईरान के नागरिकों के वीजा पर अस्थायी रोक लगाया जा रहा है। एक अलग आदेश में दक्षिण कोरिया से रूस आने वाले लोगों पर भी बैन लगाया गया है। हालांकि, आधिकारिक शिष्टमंडलों के सदस्य इन प्रतिबंधों से बाहर रखे गए हैं। यही नहीं कई अफ्रीकी देशों चीन में फंसे अपने छात्रों को निकालने से मना कर दिया है।