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वर्ष 2021-2025 के बीच एक वर्ष हो सकता है बेहद गर्म, यूएन की मौसम एजेंसी ने दी चेतावनी,

संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें धरती के बढ़ते तापमान को लेकर चेतावनी दी गई है। इसमें आशंका जताई गई है कि वर्ष 2021 से 2025 के बीच एक गर्म वर्ष आ सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Fri, 28 May 2021 04:52 PM (IST)Updated: Fri, 28 May 2021 04:52 PM (IST)
वर्ष 2021-2025 के बीच एक वर्ष हो सकता है बेहद गर्म, यूएन की मौसम एजेंसी ने दी चेतावनी,
संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO)ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी है।

जिनेवा (संयुक्‍त राष्‍ट्र)। धरती के बढ़ते तापमान को लेकर संयुक्त राष्ट्र की मौसम विज्ञान एजेंसी (WMO)ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी है। इसमें कहा गया है कि इस बार वैश्विक औसत तापमान में वार्षिक बढ़ोत्तरी पहले की तुलना में अधिक हो सकती है। एजेंसी के मुताबिक ये 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्‍यादा हो सकती है। वैश्विक एजेंसी का ये भी कहना है कि ऐसा होने की दर करीब 40 फीसद तक है। ऐसा आने वाले पांच वर्षों के अंदर हो सकता है।

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आपको बता दें कि इस वर्ष अप्रैल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि वर्ष 2020, अब तक के तीन सबसे गर्म वर्षों में सबसे अधिक गर्म रहा है। बता दें कि पूर्व औद्योगिक काल में तापमान के स्तर की तुलना में वैश्विक औसत तापमान 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया था। हाल ही में जारी रिपोर्ट भी इसी तरफ इशारा कर रही है। एजेंसी का कहना है कि आने वाले पांच वर्षों में वार्षिक वैश्विक तापमान में एक डिग्री सेल्सियस की तेजी आ सकती है। गौरतलब है कि पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के अनुसार दुनिया के सभी देशों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि धरती के तापमान को बढ़ने नहीं देना है। उस वक्‍त इसको 1.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर तक सीमित रखने के लक्ष्‍य पर सभी देशों ने अपने हस्‍ताक्षर किए थे।

लगातार गर्म होती धरती को लेकर संयुक्‍त राष्‍ट्र कई बार सीधेतौर पर चेतावनी भी दे चुका है। संयुक्‍त राष्‍ट्र का कहना है कि यदि तापमान को कम करने के प्रयास इमानदारी के साथ नहीं किए गए तो ये विनाशकारी हो सकते हैं। मौसम विज्ञान एजेंसी भी इसको लेकर समय समय पर चेतावनी देती रही है। एजेंसी ने आशंका जताई है कि वर्ष 2021-2025 की अवधि में एक वर्ष ऐसा आएगा जो सभी रिकॉर्ड ध्‍वस्‍त कर देगा। इसका अर्थ है कि वो साल बेहद गर्म होगा। ‘Global Annual to Decadal Climate Update’रिपोर्ट के मुताबिक इस सूरत में वर्ष 2016 पीछे रह जाएगा।

आपको बता दें कि तापमान में बढ़ोत्तरी का असर हर जगह देखने को मिल सकता है। इसकी वजह से हिमखंडों का कटाव और टूटना या पिघलना तेजी से हो सकता है। इसकी वजह से ज्‍यादा गर्म हवाएं चल सकती हैं। चक्रवातों की तीव्रता और उनके आने की रफ्तार तेज हो सकती है। इसका असर लोगों के जीवन पर पड़ सकता है। खाद्य सुरक्षा समेत अन्‍य चीजों पर संकट आ सकता है।


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