Move to Jagran APP

क्‍या पंजशीर घाटी पर होगा तालिबान का कब्‍जा, जानें तालिबानी शासन से क्‍यों खार खाए हैं पंजशीर के लड़ाके

अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर प्रांत इकलौता ऐसा राज्‍य है जहां तालिबान अपना नियंत्रण स्‍थापित नहीं कर सका है। आखिर पंजशीर के लड़ाके तालिबान शासन से क्‍यों चिढ़ते हैं। इसके पीछे क्‍या है बड़ी वजह। पंजशीर घाटी में तालिबान की क्‍या है बड़ी बाधाएं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 12:41 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 03:00 PM (IST)
क्‍या पंजशीर घाटी पर होगा तालिबान का कब्‍जा, जानें तालिबानी शासन से क्‍यों खार खाए हैं पंजशीर के लड़ाके
अफगानिस्‍तान के पंजशीर घाटी पर होगा तालिबान का कब्‍जा। फाइल फोटो।

काबुल, एजेंजी। तालिबान ने ऐलान किया है कि उसके सैकड़ों लड़ाके पंजशीर घाटी पर हमला करने की तैयारी में हैं। उन्‍होंने अपने अरबी ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि स्‍थानीय राज्‍य के अधिकारियों द्वारा इसे शांतिपूर्वक सौंपने से इनकार करने के बाद इस्‍लामिक अमीरात के सैकड़ों मुजाहिदीन इस पर नियंत्रण करने के लिए पंजशीर राज्‍य की ओर बढ़ रहे हैं। तालिबान के प्रवक्ता जबील्ला मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने पंजशीर प्रांत को घेरना शुरू कर दिया है। गौरतलब है क‍ि अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में से पंजशीर प्रांत इकलौता ऐसा राज्‍य है, जहां तालिबान अपना नियंत्रण स्‍थापति नहीं कर सका है। आखिर, पंजशीरी लड़ाके तालिबान शासन से क्‍यों चिढ़ते हैं। इसके पीछे क्‍या है बड़ी वजह। पंजशीर घाटी में तालिबान की क्‍या है बड़ी बाधाएं।

prime article banner

पंजशीर लड़ाकों से निपटना एक बड़ी चुनौती

पंजशीर के लड़ाके तालिबान के लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। इस घाटी से पंजशीरियों को खदेड़ना तालिबान के लिए एक बड़ी चुनौती है। पंजशीर लड़ाके युद्ध कला में पारंगत हैं। इसके अलावा इस क्षेत्र में तालिबान के लिए कुछ ऐसी बाधाएं हैं, जो इस जंग को और कठ‍िन बना सकती हैं। पंजशीर के लड़ाके एक प्रेरित सेनानी है। इनके लिए अहमद शाह मसूद प्रेरणास्रोत हैं। अहमद शाह ही वह व्‍यक्ति थे, जिन्‍होंने 80 के दशक में पूर्व सोवियत संघ की सेना को अपने इलाके से बाहर खदेड़ने पर मजबूर किया था।

अल-कायदा द्वारा अहमद शाह की हत्या को भूल नहीं सका है पंजशीर

अहमद शाह आज भी तालिबान विरोधी और खासतौर पर यहां के लोगों के लिए प्रेरणादायक हैं। यहां के लोगों को 9 सितंबर, 2001 को तालिबान के आश्रय दिए गए अल-कायदा द्वारा अहमद शाह की विश्वासघाती हत्या को भूल नहीं सके है। उन्हें यह बात आज भी काफी चुभती है। इसलिए उनके दिल और दिमाग पर बदले की भावनाएं हावी रहती हैं। यही बदले की आग उनके लिए एक आग की तरह है, जो एक अत्यधिक प्रेरित लड़ाकू बल को तालिबान को सबक सिखाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

सांस्‍कृतिक एकजुटता ने तालिबान के खिलाफ संघर्ष को मजबूत किया

पंजशीर के लड़ाके अपने संकल्‍प के बहुत मजबूत हैं। पंजशीरी लोगों में एक बात को ठान लेने की और इसे पूरा करने के लिए एकजुटता है। पंजशीरी लोगों में ज्‍यादातर ताजिक जातीयता के लोग है। यह उन्हें एक स्पष्ट पहचान और एकजुटता प्रदान करता है। यही सांस्‍कृतिक भावना और एकजुटता तालिबान के खिलाफ संघर्ष को और मजबूत करते हैं। इसका नेतृत्व ज्यादातर पश्तून आदिवासियों द्वारा किया जाता है। एक अन्‍य बात यह है कि पंजशीरियों का नेतृत्व भी एकजुट है। यही भावना अत्यधिक प्रेरित लड़ाकू बल को तालिबान को सबक सिखाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

गुरिल्ला युद्ध के लिए आदर्श है पंजशीर लड़ाके

तालिबान को पंजशीर घाटी के अत्यंत कठिन इलाके से निपटना होगा, जो गुरिल्ला युद्ध के लिए आदर्श है। इसके अलावा पंजशीर लड़ाकों के ऊपर पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह, पूर्व रक्षा मंत्री बिस्मिल्लाह मोहम्मदी के अलावा हैबतुल्लाह अलीजई और सामी सादात का भी हाथ है। देश छोड़कर भाग चुके राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा शीर्ष जनरलों के रूप में इनको नियुक्त किया गया था। तालिबान के साथ लड़ाई शुरू होने की स्थिति में सबसे आगे रहने वालों में गिना जा सकता है।

पंजशीर घाटी का नियंत्रण छोड़ने के लिए तैयार नहीं मसूद

इसके पूर्व अल अरबिया टेलीविजन स्टेशन के साथ एक साक्षात्कार में मसूद ने चरमपंथी समूह तालिबान को पंजशीर घाटी का नियंत्रण सौंपने और आत्मसमर्पण करने से इनकार कर दिया था। हालंकि, उन्होंने तालिबान के साथ वार्ता के लिए इच्‍छा व्यक्त की थी। मसूद ने यह भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह पंजशीर घाटी का नियंत्रण छोड़ने के लिए कतई राजी नहीं है। अल अरबिया के अनुसार, तालिबान ने मसूद को काबुल के उत्तर में स्थित पंजशीर घाटी को छोड़ने के लिए चार घंटे का अल्टीमेटम दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.