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FATF and Pakistan: क्‍या FATF की ग्रे लिस्‍ट से मुक्‍त होगा पाकिस्‍तान? क्‍या आतंकियों पर नकेल कसने में ईमानदार रही पाक सरकार - एक्‍सपर्ट व्‍यू

FATF and Pakistan एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर अंकुश लगाने के प्रयासों को घटिया करार दिया है। आइए जानते हैं कि पाकिस्‍तान और एफएटीएफ के बीच बड़ी बाधा क्‍या है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि एफएटीएफ क्‍या है। क्‍या हैं उसकी शर्तें।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 13 Sep 2022 07:12 PM (IST)Updated: Tue, 13 Sep 2022 07:13 PM (IST)
FATF and Pakistan: क्‍या FATF की ग्रे लिस्‍ट से मुक्‍त होगा पाकिस्‍तान। एजेंसी।

नई दिल्‍ली, जेएनएन। FATF and Pakistan: पाकिस्तान भले ही आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) को अपनी झूठी दलीलों से बहकाने का प्रयास करता रहा हो, लेकिन एफएटीएफ को उसकी सच्‍चाई का पूरा अनुमान है। एफएटीएफ के एशिया-प्रशांत समूह (एपीएफ) ने आतंकी फंडिंग व मनी लान्ड्रिंग मामलों पर अंकुश लगाने के प्रयासों से जुड़े 11 में से 10 लक्ष्यों में पाकिस्तान के प्रदर्शन को घटिया करार दिया है। आइए जानते हैं कि पाकिस्‍तान और एफएटीएफ के बीच बड़ी बाधा क्‍या है। इसके साथ यह भी जानेंगे कि एफएटीएफ क्‍या है। क्‍या हैं उसकी शर्तें।

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1- प्रो. हर्ष वी पंत का कहना है कि इस बार एफएटीएफ इस बात को बहुत बारीकी से देखेगा कि पाकिस्‍तान की मौजूदा सरकार ने हाफ‍िज सईद और दूसरे बड़े आतंकियों के खिलाफ कितने मजबूत केस तैयार किए और उन्‍हें सजा दिलाने के लिए कितनी ठोस कार्रवाई की जा रही है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान टेरर फाइनेंसिंग और एंटी मनी लांड्रिंग को लेकर पाकिस्‍तान को खुद सबूत देने होंगे। पिछले बार एफएटीएफ ने बिल्‍कुल साफ किया था कि पाकिस्‍तान सरकार खुद साबित करे कि उसने क्‍या कार्रवाई की है।

2- प्रो.पंत का कहना है कि इस बार बात जुबानी नहीं होगी। उन्‍होंने कहा कि हालांकि पाकिस्तान के कई मंत्री और अफसर यह दावा करते हैं कि उन्होंने टेरर फाइनेंसिंग और मनी लांड्रिंग के खिलाफ ठोस कदम उठाए हैं। पाकिस्‍तान सरकार को यह यह दावे सबूतों के साथ साबित करने होंगे और फिर एफएटीएफ इसकी जांच करेगा। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्तानी एजेंसियों ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की है, जिससे टेरर फाइनेंसिंग को रोके जाने के सबूत मिलें।(

3- उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान में आतंकी संगठन जमात-उद-दावा प्रमुख हाफि‍ज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मसूद अजहर भारत की वां‍टेड लिस्‍ट में भी शामिल हैं। दरअसल पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। भारत लगातार अंतरराष्‍ट्रीय मंचों पर संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई किए जाने का दबाव बनाता रहा है।

क्‍या है ग्रे लिस्‍ट और ब्‍लैक लिस्‍ट

1- सवाल यह है कि ग्रे लिस्ट क्‍या है। इस लिस्ट में उन देशों को रखा जाता है, जिन पर टेरर फाइनेंसिंग और मनी लांड्रिंग में शामिल होने या इनकी अनदेखी का शक होता है। इन देशों को कार्रवाई करने की सशर्त मोहलत दी जाती है। इसकी मानिटरिंग की जाती है। कुल मिलाकर आप इसे ‘वार्निंग विद मानिटरिंग’ कह सकते हैं। ग्रे लिस्ट वाले देशों को किसी भी इंटरनेशनल मानेटरी एजेंसी या देश से कर्ज लेने के पहले बेहद सख्त शर्तों को पूरा करना पड़ता है। ज्यादातर संस्थाएं कर्ज देने में आनाकानी करती हैं। इसके अलावा व्‍यापार में भी दिक्कत होती है।

2- किसी देश के खिलाफ जब सबूतों से ये साबित हो जाता है कि किसी देश से टेरर फाइनेंसिंग और मनी लांड्रिंग हो रही है, और वह इन पर लगाम नहीं कस रहा तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाता है। आइएमएफ, वर्ल्ड बैंक या कोई भी फाइनेंशियल एजेंसी आर्थिक मदद नहीं देती। इसके अलावा मल्टी नेशनल कंपनियां भी उस देश से अपना कारोबार समेट लेती हैं। रेटिंग एजेंसीज निगेटिव लिस्ट में डाल देती हैं। ब्‍लैक लिस्‍ट में शामिल देशों की अर्थव्यवस्था तबाही के कगार पर पहुंच जाती है।

पाकिस्तान ने किया घटिया प्रदर्शन

1- पिछली बार एफएटीएफ का प्रतिनिधिमंडल ने यह पता लगाने का प्रयास किया था कि पाकिस्तान ने जून 2018 में एफएटीएफ के साथ उच्चस्तर पर तैयार की गई 34 सूत्री कार्ययोजना का कितना अनुपालन किया है। इससे पहले टास्क फोर्स ने इस साल फरवरी में पाया था कि पाकिस्तान ने सभी 34 बिंदुओं पर काफी हद तक अमल किया है। लेकिन, टास्क फोर्स ने पाकिस्तान को औपचारिक रूप से ग्रे लिस्ट से बाहर करने से पहले देश का दौरा करने का फैसला किया था। ग्रे लिस्ट से बाहर होने पर पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय वित्तीय मदद हासिल करना आसान हो जाएगा।

2- एफएटीएफ-एपीजी मूल्यांकन तंत्र के तहत यह रेटिंग बताती है कि किसी देश की कार्रवाई किस हद तक प्रभावी रही है। मूल्यांकन 11 लक्ष्यों के आधार पर किया गया, जिनमें मनी लांड्रिंग व आतंकी फंडिंग के खिलाफ कार्रवाई प्रमुख थे। एपीजी ने कहा कि मनी लांड्रिंग व आतंकी फंडिंग पर अंकुश समेत 10 अंतरराष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल करने में पाकिस्तान का प्रदर्शन घटिया रहा। मालूम हो कि साउथ एशिया प्रेस की हालिया रिपोर्ट में पाकिस्तान की जालसाजी उजागर हुई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि एफएटीएफ के दबाव में पाकिस्तान को आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आपरेशन कमांडर साजिद मीर के विरुद्ध कार्रवाई करनी पड़ी, जिसे वह अबतक मृत बताता रहा है।


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