China vs Bangladesh: चीन ने आखिर बांग्लादेश को क्यों हड़काया, दक्षिण एशिया में क्या है बीजिंग की दिलचस्पी, क्या है इसका भारत से लिंक
बांग्लादेश की विदेश नीति पर चीन की पैनी नजर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में चीन ने बांग्लादेश को क्वाड में शामिल होने को लेकर खुली चेतावनी दी थी। क्वाड अमेरिका के नेतृत्व वाले चार देशों का एक सुरक्षा समूह है।
ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने एक प्रेस वार्ता में ढाका को सख्त चेतावनी दी है। उनके इस बयान को बांग्लादेश और अमेरिका के निकटता के रूप में देखा जा रहा है, जिसको लेकर बीजिंग ने अपनी अप्रशन्नता प्रगट की है। दरअसल, बांग्लादेश की विदेश नीति पर चीन की पैनी नजर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हाल ही में चीन ने बांग्लादेश को क्वाड में शामिल होने को लेकर खुली चेतावनी दी थी। बता दें कि क्वाड अमेरिका के नेतृत्व वाले चार देशों का एक सुरक्षा समूह है। जिमिंग के इस बयान को इसी कड़ी से जोड़ कर देखा जा रहा है।
क्वाड के शिखर सम्मेलन के बाद चीन की बांग्लादेश पर नजर
- इस बाबत प्रो. हर्ष पंत का कहना है कि दक्षिण एशिया में चीन अपना पूरा दबदबा चाहत है। यह चीन की सोची समझी रणनीतिक का हिस्सा है। जिमिंग का यह बयान बांग्लादेश के लिए संदेश है। यही वजह है कि पत्रकार वार्ता में जिमिंग ने बांग्लादेश को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि हाल में क्वाड के शिखर सम्मेलन के बाद चीन की नजर अमेरिका पर है। चीन की नजर इस बात पर टिकी है कि एशिया में अमेरिका किस तरह से अपने सहयोगियों को एकजुट कर रहा है।
- प्रो. पंत का कहना है कि चीन ने अचानक बांग्लादेश पर अपना गुस्सा नहीं निकाला है। अलबत्ता, क्वाड इस मामले में उसकी दिलचस्पी का नया कारण बना हुआ है। चीन इसके पूर्व भी दुनिया में अमेरिका की भूमिका को लेकर कूटनीतिक माध्यमों और मीडिया के जरिए अपनी चिंताएं जताता रहा है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने जिमिंग के हवाले से लिखा था कि अमेरिका, चीन और बांग्लादेश के बीच दरार डालने की कोशिश कर रहा है।
- इसके पूर्व चीन के राजदूत ने 10 मई को यह बयान दिया था कि अगर बांग्लादेश क्वाड का हिस्सा बनता है, तो बीजिंग के साथ उसके रिश्तों में दरार उत्पन्न होगी। इससे दोनों देशों के संबंधों को बहुत नुक़सान होगा। चीन के इस बयान ने बांग्लादेश को उहापोह में डाल दिया था। उस वक्त बांग्लादेश की मीडिया में यह खबर सुर्खियों में थी। उस वक्त द डेली स्टार ने अपनी संपादकीय में लिखा था कि चीन की दिक्कत की चाहे जो भी वजह हो, लेकिन इस बात को लेकर किसी को कोई संदेश नहीं होना चाहिए कि इस बारे में फैसला सिर्फ बांग्लादेश की सरकार ले सकती है।
- अक्टूबर, 2020 में बांग्लादेश में जीमिंग ने कहा था कि अमेरिका लगातार ऐसे कदम उठा रहा है, जो चीन के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा था कि अमेरिका के इरादे सही नहीं है। उन्होंने कहा कि अमेरिका का प्रयास है कि बांग्लादेश क्वाड में शामिल हो जाए। उनका यह बयान ऐसे वक्त आया है जब अमेरिका रक्षा मंत्री रहे मार्क एस्पर की बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ वार्ता हुई थी। इस वार्ता के ठीक एक महीने बाद अमेरिका के पूर्व उप रक्षा मंत्री स्टीफन बिगन, ढाका के दौरे पर गए थे।
- प्रो. पंत का कहना है कि चीन के राजदूत अपने मेजबान देश के खिलाफ ऐसी कठोर टिप्पणी इसलिए कर रहे थे, क्योंकि उनको इस बात का भय सता रहा था कि बांग्लादेश क्वाड समूह का हिस्सा बन सकता है। उन्होंने कहा कि चीन का यह संदेह नजायज था। पंत ने कहा कि बांग्लादेश ने कभी भी चीन के हितों की अवहेलना नहीं की। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि ढाका में क्वाड के बारे में बात करते हुए चीन के राजदूत बांग्लादेश के लिए बस एक लक्ष्मण रेखा खींच रहे थे।
- इतना ही नहीं वर्ष 2021 में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने बांग्लादेश की यात्रा के दौरान कहा था कि इस क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए यह जरूरी है कि बांग्लादेश उसके पाले में रहे। उन्होंने कहा था कि चीन और बांग्लादेश को मिलकर ऐसी ताकतों के खिलाफ साझा कदम उठाने चाहिए, जो इस क्षेत्र के बाहर से आकर दक्षिण एशिया में सैन्य गठबंधन बना रहे हैं। बता दें कि बांग्लादेश अपनी रक्षा खरीद का ज्यादातर हिस्सा चीन से आयात करता है। बांग्लोदश की सेनाओं के पास इस वक्त जो भी हथियार हैं उनमें 86 फीसद चीन का है।