कोरोना महामारी के बीच डब्ल्यूएचओ ने चेताया, मलेरिया और पोलियो से भी रहें सचेत
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अपनी रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि महामारी ने जन स्वास्थ्य सेवाओं के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है।
जिनेवा, एएनआइ। कोरोना वायरस से मुकाबले के अभियान के साथ ही देश मलेरिया और पोलियो जैसी घातक बीमारियों के उन्मूलन के लिए बनाई गई रूपरेखा का पालन करें। दोनों बीमारियों के खिलाफ वर्षो से छिड़े लगातार अभियान के चलते इन्हें काफी हद तक काबू किया जा सका है। यह बात विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कही है।
कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अपनी रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि महामारी ने जन स्वास्थ्य सेवाओं के समक्ष बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। लेकिन हमें अन्य गंभीर किस्म की बीमारियों- मलेरिया और पोलियो की तरफ भी ध्यान बनाने रखना है। इस समय यूरोप में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 13.41 लाख पहुंच चुकी है तो अमेरिका में 11 लाख का आंकड़ा करीब है।
उल्लेखनीय है कि रविवार को पोप फ्रांसिस ने भी मलेरिया के मरीजों पर भी ध्यान देने की अपील विश्व समुदाय से की थी। अफ्रीका महाद्वीप के कई देश मलेरिया से बुरी तरह प्रभावित हैं। माना जाता है कि मलेरिया से करीब दस लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं।
कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों में फिर संक्रमण की नहीं है गुंजाइश: WHO
वहीं, इसके पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने शनिवार को कहा था कि वर्तमान में इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों में एंटीबॉडीज विकसित हो चुकी हैं और वे दूसरी बार कोरोना वायरस संक्रमण से सुरक्षित हैं।
डब्लूएचओ ने विभिन्न देशों की सरकारों द्वारा कोविड-19 से ठीक हो चुके लोगों को 'इम्युनिटी पासपोर्ट' या 'रिस्क फ्री सर्टिफिकेट्स' जारी करने के प्रति चेताते हुए कहा कि उनकी शुद्धता की गारंटी नहीं दी जा सकती। इस चलन से वास्तव में वर्तमान संक्रमण का खतरा और बढ़ेगा क्योंकि ठीक हो चुके लोग वायरस के खिलाफ मानक एहतियात बरतने में सलाह की अनदेखी कर सकते हैं।