ओमीक्रोन का जितना ज्यादा विस्तार होगा इसके म्यूटेशन का भी खतरा उतना ही अधिक होगा - WHO
ओमीक्रोन की आहट से विश्व के सभी देश चिंता में हैं। कोरोना महामारी को लगभग दो वर्ष पूरे होने को हैं लेकिन अब तक विश्व इससे उबर नहीं सका है। सामने आने वाला इसका हर एक नया वैरिएंट विश्व की चिंता को बढ़ाए हुए है।
जिनेवा (एएफपी)। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर दुनिया की चिंता बढ़ी हुई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी इसके बढ़ते प्रसार पर चिंता जताई गई है। संगठन की कोविड-19 टेक्नीकल टीम की हैड मारिया वान करखोव का कहना है कि दक्षिण अफ्रीका से सामने आने वाले वैरिएंट के अब तक 100 से भी कम जीनोम सिक्वेंस मौजूद हैं। उनके मुताबिक नवंबर के शुरुआत में इसके सैंपल कुछ देशों से मिले थे।
उनके मुताबिक इस नए वैरिएंट के बारे में और जानकारी हासिल करने में अभी कुछ समय और लग जाएगा। अब तक इसके काफी अधिक म्यूटेशन हो चुके हैं। उन्होंने इस बात की आशंका जताई है कि इस वजह से इसके व्यवहार में भी बदलाव आ सकता है। हालांकि मौजूदा वैक्सीन पर इसके असर को लेकर प्रभाव पड़ता है या नहीं इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है।
मारिया ने अपील की है कि लोगों को ये समझने की जरूरत है कि ये जितना फैलेगा उतना ही इसके म्यूटेट होने का खतरा बढ़ जाएगा। लिहाजा इसको लेकर पूरी एहतियात बरतने की जरूरत है। आपको बता दें कि अफ्रीका में जहां पर इस वैरिएंट का पहला मामला सामने आया था वहां की केवल साढ़े छह फीसद लोगों को ही वैक्सीन दी गई है। इस पूरे महाद्वीप में वैक्सीन की उपलब्धता पर पहले भी कई बार विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख और यूएन प्रमुख एंतोनियों गुतारेस भी चिंता जता चुके हैं। इन दोनों की ही तरफ से कई बार इस बात की अपील की जा चुकी है कि अफ्रीकी देशों में वैक्सीन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए दुनिया के बड़े और अमीर देश मदद करें, जिससे वहां के लोगों का जीवन भी सुरक्षित हो सके।
गौरतलब है कि बीते कुछ दिनों से विश्व के कई देशों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। रूस, ब्रिटेन और यूरोप के कई देश भी कोरोना के बढ़ते मामलों से त्रस्त दिखाई दे रहे हैं। कुछ देशों में कोरोना महामारी की चौथी लहर आने का भी अंदेशा जताया जा रहा है। अफ्रीका सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के जान केंगासांग का कहना है कि इस वैरिएंट के आंकड़ों की पड़ताल की जाएगी और इसका मूल्यांकन किया जाएगा। उनका ये भी कहना है कि इसके बारे में फिलहाल अधिक जानकारी नहीं है। दुनिया इसको लेकर सचेत है और एहतियाती कदम भी उठाए जा रहे हैं। अब तक आठ देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं। भ्ज्ञी कहसॉन्ग ने जोर दे कर कहा कि जो डाटा सामने आ रहा है उसके पड़ताल की जाएगी और मूल्यांकन किया जाएगा। वहीं कुछ देशों ने दक्षिण अफ्रीका, नामीबिया, लेसोथो, बोत्सवाना, एस्वतीनी और जिम्बाब्वे से उड़ानें भी रद कर दी हैं।