कोविड-19 वैक्सीनेशन पर WHO का जोर, कहा- वैरिएंट्स से बचाव के लिए 80फीसद आबादी का टीकाकरण जरूरी
Corona Vaccination विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation WHO) की ओर से कोरोना वैक्सीनेशन पर जोर दिया गया है। संगठन ने कहा है कि घातक कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट्स से बचाव का एकमात्र जरिया वैक्सीनेशन ही है।
जेनेवा, एपी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation, WHO) की ओर से कोरोना वैक्सीनेशन पर जोर दिया गया है। संगठन ने कहा है कि घातक कोरोना वायरस के नए-नए वैरिएंट्स से बचाव का एकमात्र जरिया वैक्सीनेशन ही है। संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि कम से कम 80 फीसद आबादी का वैक्सीनेशन ही वैरिएंट्स से जोखिम को कम कर सकता है। एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में WHO के इमरजेंसी चीफ डॉक्टर माइकल रयान (Dr. Michael Ryan) ने एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में कहा, 'महामारी कोविड-19 से निकलने का जरिया अधिक से अधिक वैक्सीनेशन ही है। अनेकों धनी देशों में अब किशोर वर्ग व बच्चों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि युवाओं व बच्चों में बुजुर्गो की तुलना में कोरोना के खतरे कम हैं। अब अमीर देशों पर गरीब देशों के लिए कोरोना वैक्सीन मुहैया कराने का दबाव बन रहा है। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में टीकाकरण के माध्यम से कोरोना के संक्रमण को काफी हद तक कम कर लिया गया है। इस दौरान डेल्टा वैरिएंट ने उसकी दिक्कतों को बढ़ाया है। इसलिए हम इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 80 फीसद टीकाकरण के बाद आयातित वैरिएंट के खतरों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
पिछले माह के अंत में WHO ने कहा था कि कोरोना वेरिएंट पर वैक्सीन असर न करे ऐसा नहीं है। हालांकि संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधनम घेब्रेसस ने इस बात की गारंटी लेने से इनकार करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं भी हो सकता है क्योंकि वायरस अपना रूप बदल रहा है। वहीं WHO की चीफ साइंटिस्ट डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने भारत में तबाही मचाने वाले डबल म्यूटेंट वायरस को काफी संक्रामक बताया था। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि वैक्सीन इस वेरिएंट पर भी पूरी तरह असरदार है। महानिदेशक ने सितंबर तक सदस्य देशों के कम से कम 10 फीसद आबादी को वैक्सीनेट करने का आग्रह किया था।