Move to Jagran APP

जानें- किस बीमारी से की WHO महानिदेशक ने कोविड-19 की तुलना, क्‍या है उसका दर्दनाक इतिहास

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक ने कोविड-19 की तुलना 1918 में आए स्‍पेनिश फ्लू से की है। इस बीमारी ने 5 करोड़ लोगों की जान ली थी।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 06:23 PM (IST)Updated: Sun, 23 Aug 2020 08:09 AM (IST)
जानें- किस बीमारी से की WHO महानिदेशक ने कोविड-19 की तुलना, क्‍या है उसका दर्दनाक इतिहास
जानें- किस बीमारी से की WHO महानिदेशक ने कोविड-19 की तुलना, क्‍या है उसका दर्दनाक इतिहास

जिनेवा (रॉयटर्स)। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक टेड्रोस एधनोम घेब्रेयेसुस ने कहा है कि दुनिया से कोविड-।9 दो वर्ष से कम समय में ही खत्‍म हो जाएगा। ऐसा कहते हुए उन्‍होंने इस जानलेवा वायरस की तुलना 1918 में पूरी दुनिया में फैले स्‍पेनिश फ्लू से की है। उन्‍होंने कहा कि स्‍पेनिश फ्लू का कहर पूरी दुनिया में दो वर्ष तक रहा था। लेकिन उस वक्‍त तकनीकी सुविधा आज की तुलना में इतनी बेहतर नहीं थीं। आज वक्‍त पूरी तरह से बदल चुका है। यदि पूरा विश्‍व मिलकर काम करे तो कोविड-19 का हल भी तलाशा जा सकता है। उनके मुताबिक विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन लगातार इस दिशा में आपसी सहयोग की बात करता रहा है। उनके मुता‍बिक आज का विश्‍व और उसके लोग आपस में काफी जुड़े हुए हैं यही वजह है कि कोविड-19 का दायरा तेजी से फैला और आज ये 2.28 करोड़ से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है।

loksabha election banner

अपने इस संबोधन में उन्‍होंने जिस बीमारी का जिक्र किया है, 1918 में उसकी चपेट में कुछ लाख नहीं बल्कि दुनियाभर के 50 करोड़ से अधिक लोग आए थे। इस फ्लू ने पूरी दुनिया में करीब 2-5 करोड़ लोगों की जान ली थी। प्रथम विश्‍व युद्ध की तुलना में इस फ्लू से दुनिया भर में अधिक लोगों की जान गई थी। इसकी वजह से मरने वालों में जवानों की तादाद भी अच्‍छी खासी थी। भारत भी इसके प्रभाव से अछूता नहीं रहा था। भारत में इसकी शुरुआत उस वक्‍त हुई थी जब 29 मई 1918 को भारतीय सैनिकों को लेकर एक जहाज मुंबई के बंदरगाह पर पहुंचा था। इस बंदरगाह पर ये जहाज दो दिन खड़ा रहा था। उस वक्‍त विश्‍व युद्ध अपने आखिरी चरण पर पहुंच गया था। इसके 11 दिन बाद यानी 10 जून को मुंबई पोर्ट पर तैनात सात पुलिसकर्मियों को तेज बुखार की शिकायत के बाद अस्‍पताल में भर्ती करवाया गया। जांच के दौरान पता चला कि ये सभी स्‍पेनिश फ्लू से संक्रमित थे।

भारत में ये किसी बड़ी संक्रामक बीमारी का पहला हमला था। मुंबई का बंदरगाह यूं भी उस वक्‍त विदेशियों के भारत में प्रवेश का बड़ा जरिया था। इसकी वजह से भारत की चिंता और बढ़ गई थी। वर्ष 1920 के अंत तक इसकी वजह से पूरी दुनिया में 5 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हो चुके थे। अकेले अमेरिका में ही इसकी वजह से 675000 लोगों की जान गई थी। उस वक्‍त लोगों को इससे बचने के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाने और चेहरा ढकने की सलाह दी गई थी। साथ ही इसके लक्षण दिखाई देने पर खुद को क्‍वरंटाइन करने की भी सलाह दी गई थी।

शुरुआत में स्पेनिश फ्लू के जो मामले सामने आए थे वो माइल्ड थे, लेकिन, जुलाई में इसका भयानक रूप सामने आने लगा। सितंबर तक ये पूरी दुनिया के लिए जानलेवा हो गया था। स्पेनिश फ्लू के कारण भारत में ही 18 लाख लोग मारे गए थे। यह किसी भी देश में मौतों का सर्वाधिक आंकड़ा था। उस वक्‍त दुनिया के पास इसको खत्‍म करने के लिए न तो उपर्युक्‍त संसाधन थे और न ही वो तकनीक थी जो आज मौजूद हैं। ऐसे में एक दूसरे व्‍यक्ति से दूरी बनाने और क्वारंटाइन करने जैसे उपायों का सहारा लिया गया था।

इसके बाद दुनिया के कई देशों ने सोशलाइज्ड मेडिसिन-हेल्थकेयर की शुरुआत की। इसको देखते हुए रूस ने सबसे पहले अपने यहां पर केंद्रीयकृत हेल्थकेयर प्रणाली की शुरुआत की। इसके बाद जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन में इसकी शुरुआत हुई। सभी देशों ने अपने हेल्थकेयर को मजबूत और विस्तार करने का काम शुरू किया। 1920 में कई देशों ने अपने यहां पर स्वास्थ्य मंत्रालय का गठन किया गया। इसी दौरान तबके लीग आफ नेशंस (अब संयुक्त राष्ट्र) की एक शाखा खुली। इसका काम वैश्विक स्‍वास्‍थ्‍य पर नजर रखना था। 

ये भी पढ़ें:- 

'देश में कोविड-19 की वैक्‍सीन आने में लगेंगे छह माह और, इन दो शहरों में आ चुका पीक....'

अक्‍टूबर से जनवरी तक कैसा होगा कोविड-19 का भारत में प्रभाव, जानें एक्‍सपर्ट की जुबानी  

जानें कैसे तीस्‍ता नदी परियोजना और कर्ज के बहाने बांग्‍लादेश के करीब आया है चीन

जानें- कोविड-19 के लिए बनी चीन और रूस की वैक्‍सीन को ट्रायल के लिए मिला है किन देशोंं का साथ


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.