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मॉडर्ना की वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी, चीन की सिनोफार्मा और सिनोवाक को मिलेगी जल्द अनुमति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के खिलाफ मॉडर्ना की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि आने वाले दिनों में चीन के सिनोफार्मा और सिनोवाक टीकों को अनुमति दी जा सकती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 01:03 AM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 01:03 AM (IST)
मॉडर्ना की वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ ने दी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी, चीन की सिनोफार्मा और सिनोवाक को मिलेगी जल्द अनुमति
चीन के सिनोफार्मा और सिनोवाक टीकों को दी जा सकती है अनुमति।

जेनेवा, एपी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना के खिलाफ मॉडर्ना की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इस अमेरिकी टीका निर्माता कंपनी के अलावा अब तक एस्ट्राजेनेका, फाइजर-बायोएनटेक और जॉनसन एंड जॉनसन के टीकों को डब्ल्यूएचओ से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिली चुकी है।

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डब्ल्यूएचओ ने कहा- चीन के सिनोफार्मा और सिनोवाक टीकों को दी जा सकती है अनुमति

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि आने वाले दिनों में चीन के सिनोफार्मा और सिनोवाक टीकों को अनुमति दी जा सकती है। मॉडर्ना की ओर से डाटा देने में देरी के कारण डब्ल्यूएचओ से इसे मंजूरी मिलने में बहुत लंबा समय लग गया।

छोटे देश टीके के इस्तेमाल के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी पर रहते हैं निर्भर बढ़ा

कई छोटे देश अपने यहां टीके के इस्तेमाल के लिए डब्ल्यूएचओ की मंजूरी पर निर्भर रहते हैं। हालांकि इस मंजूरी से फिलहाल गरीब देशों में मॉडर्ना के टीके की आपूर्ति की बहुत उम्मीद नहीं है, क्योंकि कंपनी ने पहले ही बहुत से अमीर देशों से करोड़ों डोज की आपूर्ति के लिए करार किया हुआ है।

स्पुतनिक वी की पहली खेप पहुंची भारत, रूस ने कहा- सहयोग बढ़ाएंगे

रूस निर्मित वैक्सीन स्पुतनिक वी की 1,50,000 डोज शनिवार को भारत पहुंच गई। इसको लेकर रूस ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए वह भारत के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

स्पुतनिक वी की प्रभावशीलता दुनिया में सबसे ज्यादा: राजदूत कुदाशेव

भारत में रूस के राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा कि स्पुतनिक वी की प्रभावशीलता दुनिया में सबसे ज्यादा है और यह कोरोना के नए स्ट्रेन के खिलाफ भी कारगर होगा। उन्होंने कहा, रूस और भारत कोरोना महामारी से संयुक्त रूप से लड़ने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेंगे। यह कदम भारत सरकार के कोरोना की दूसरी लहर के प्रभाव को कम करने और लोगों की जिंदगी बचाने के प्रयासों को लेकर महत्वपूर्ण है। कुदाशेव ने कहा कि जल्द ही भारत में स्पुतनिक वी का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। हमारी योजना वैक्सीन की 85 करोड़ डोज प्रति वर्ष उत्पादन की है। स्पुतनिक की पहली खेप हैदराबाद पहुंची है। भारत में डा. रेड्डीज लैब इसका उत्पादन करेगी।


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