जब यूएन के विशेष दूत ने किया म्यांमार के डिप्टी मिलिट्री चीफ को आगाह तो जानें क्या मिला जवाब
म्यांमार की सेना के खिलाफ वहां के लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बुधवार को हुए प्रदर्शन के बाद गुरुवार को भी यहां पर प्रदर्शन हुआ और इसको रोकने के लिए सेना ने गोली चलाई और आंसू गैस के गोले दागे।
यंगून (म्यांमार)। म्यांमार में सेना द्वारा लोकतांत्रिक सरकार का तख्ता पलट की कार्रवाई का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है। सेना बड़ी ही क्रूरता के साथ इसका दमन करने में लगी है। गुरुवार को भी सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सैन्य शासन के खिलाफ प्रदर्शन किया जिसको तितर-बितर करने के लिए उनके ऊपर आंसू गैस के गोले चलाए गए और गोली भी चलाई गई। हालांकि अब तक इसमें किसी के हताहत होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि कल ही संयुक्त राष्ट्र ने प्रदर्शनकारियों पर की गई फायरिंग में 38 लोगों की मौत की कड़ी निंदा की थी। संयुक्त राष्ट्र ने इसको तख्तापलट के बाद सबसे बड़ा खूनी दिन करार दिया था।
चरम पर लोगों का गुस्सा
यहां पर इस घटना के बाद सैन्य हुकूमत के खिलाफ लोगों का गुस्सा चरम पर है। वो किसी भी सूरत में इस सैन्य सरकार को देश में बरकरार रखने के मूंड में दिखाई नहीं दे रहे हैं। इन लोगों की मांग है कि देश में दोबारा लोकतांत्रिक सत्ता बरकरार हो। गुरुवार को सैन्य शासन के खिलाफ यंगून के मोन्यावा में हुए प्रदर्शन में शामिल एक्टिविस्ट मॉन्ग सांगखा ने रॉयटर्स से कहा कि वो इस बात को अच्छे से जानते हैं कि उन्हें गोली मारी जा सकती है, लेकिन इस तरह के सैन्य शासन में जीने का भी कोई अर्थ नहीं है। इसके बाद पुलिस ने यहां पर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलानी शुरू कर दी। रॉयटर्स ने म्यांमार की मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया है कि पुलिस और सेना की इस कार्रवाई के बाद दोबारा प्रदर्शनकारी एक जुट हुए थे। उनकी ये कोशिश लगातार जारी रही।
काफी नीचे भरी लड़ाकू विमानों ने उड़ान
यंगून के अलावा मेंडले में भी इसी तरह का प्रदर्शन हुआ है। इस प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों लोगों ने अपने हाथों में सूकी का पोस्टर और उनकी सरकार बहाली को लेकर बैनर लिया हुआ था। ये लोग नारा लगा रहे थे फ्री आवर लीडर्स। यहां के स्थानीय लोगों ने म्यांमार की वायुसेना के विमानों को यहां पर काफी नीचे उड़ान भरते हुए भी देखा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस को सेना लगातार प्रदर्शनकारियों को खामोश होने की चेतावनी और धमकी दे रही है।
विशेष दूत की चेतावनी पर मिला ये जवाब
संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत क्रिस्टीन बर्गेनर ने न्यूयॉर्क में कहा है कि बुधवार का दिन यहां पर हुई तख्तापलट की कार्रवाई के बाद सबसे अधिक दुखदायी था। एक ही दिन में 38 लोगों को सेना ने गोलियों से मार दिया। हालांकि कुछ खबरों में इनकी संख्या को 50 से अधिक बताया जा रहा है। क्रिस्टीन ने म्यांमार की सेना के डिप्टी चीफ को आगाह भी किया है कि जो वो कार्रवाई कर रहे हैं उसके खिलाफ उन्हें प्रतिबंधों का सामना तक करना पड़ सकता है। हालांकि इसके बाद म्यांमार की तरफ से कहा गया कि वो इस तरह के प्रतिबंधों के आदी हो चुके हैं। म्यांमार से क्रिस्टीन केा जवाब में ये भी कहा गया वो अब कुछ साथियों के साथ चलना सीख रहे हैं। रॉयटर्स को सूकी की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेस के सदस्यों ने फोन पर बताया है कि बुधवार को प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों के सम्मान में उनकी पार्टी के सभी दफ्तरों पर झंडा आधा झुका रहेगा। ये इस बात का सूचक होगा कि ये देश उन्हें कभी नहीं भूलेगा।