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अमेरिकी वॉचडॉग का खुलासा, तालिबान हमलों पर डेटा जारी नहीं करेगा अमेरिका

अमेरिका ने अफगानिस्तान में विद्रोही हमलों में मारे गए लोगों का डाटा सार्वजनिक रूप से जारी करने से इनकार कर दिया है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Fri, 01 May 2020 12:41 PM (IST)Updated: Fri, 01 May 2020 12:41 PM (IST)
अमेरिकी वॉचडॉग का खुलासा, तालिबान हमलों पर डेटा जारी नहीं करेगा अमेरिका
अमेरिकी वॉचडॉग का खुलासा, तालिबान हमलों पर डेटा जारी नहीं करेगा अमेरिका

काबुल, एपी। अफगानिस्तान में अमेरिकी मिशन ने संयुक्त राज्य अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते के बीच पहली बार विद्रोही हमलों पर अपने डेटा को सार्वजनिक रूप से जारी करने से इनकार कर दिया है। एक अमेरिकी वॉचडॉग ने शुक्रवार को इस बैरे में जानकारी दी है। तालिबान और अमेरिका ने 29 फरवरी को शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

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डेटा को जारी नहीं करने का फैसला ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिका-तालिबान समझौते को सफल देखे जाने के लिए है, ताकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान से सैनिकों को बाहर निकालने पर अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा कर सकें। अफगानिस्तान पुनर्निर्माण के लिए वाशिंगटन के विशेष महानिरीक्षक, जो अफगानिस्तान को दी गई अमेरिकी सहायता की निगरानी करते हैं, उन्होंने अपनी तिमाही रिपोर्ट में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अफगान सेनाओं के जमीनी अभियानों में कमी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी बलों ने 2020 की पहली तिमाही के दौरान अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों से सभी आकस्मिक जानकारी को वर्गीकृत किया है। हालांकि, इस सप्ताह के शुरू में अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय ने कहा कि तालिबान ने शांति समझौते के बीच 2,804 हमलों को अंजाम दिया है।

अमेरिकी अधिकारियों और अफगान सरकार ने तालिबान से समझौते के मद्देनजर अपने हमलों को कम करने का बार-बार आग्रह किया है, लेकिन विद्रोही समूह ने अफगान सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाना जारी रखा है। अफगान अधिकारियों ने कहा कि दक्षिणी हेलमंद प्रांत में एक पुलिस सुरक्षा प्रमुख और दो अन्य पुलिस अधिकारी बुधवार को तालिबान द्वारा सड़क किनारे रखे बम की वजह से मारे ए।

अफगान रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, तालिबान देश भर में अफगान सुरक्षा बलों पर प्रतिदिन औसतन 10 से 15 सशस्त्र हमले कर रहा है। वॉचडॉग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगान विशेष बलों ने इस साल के पहले तीन महीनों में 528 जमीनी अभियान चलाए, जो पिछली तिमाही की तुलना में 10 फीसद कम है और पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 36 फीसद कम है।

शांति समझौते के तहत, अमेरिका ने पिछले महीने अपने सैनिकों की संक्या को 13,000 से घटाकर 8,600 कर लिया है, जबकि बाकियों को 14 महीनों में वापस ले जाना होगा। यूएस-तालिबान समझौते के बाद, अफगान सरकार ने तालिबान के साथ शांति वार्ता करने के लिए एक 21 सदस्यीय टीम की घोषणा की जिसे इंट्रा-अफगान वार्ता माना जाता है।

हालांकि, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला के बीच जारी विवाद के कारण तालिबान ने काबुल सरकार की टीम के साथ मुलाकात करने से इनकार कर दिया है, जिन्होंने सितंबर के राष्ट्रपति चुनाव में खुद को विजयी घोषित किया था।

इस समझोते का एक हिस्सा कैदियों को रिहा करने का भी है। इसके तहत 5,000 तालिबान कैदियों को सरकार छोड़ेगी और 1,000 सरकारी कर्मियों को विद्रोहियों द्वारा छोड़ा जाना है। बता दें कि अब तक, अफगान सरकार ने उम्र के आधार पर 550 बंदियों को रिहा कर दिया है, जबकि तालिबान ने गुरुवार को 54 सहित, कुल 114 कैदियों को मुक्त कर दिया है।

भले ही अफगानिस्तान में हिंसा और हमले जारी रहे हों, लेकिन पिछले साल के इसी समय की तुलना में, इस वर्ष के पहले तीन महीनों में मारे गए नागरिकों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई। इसमें कहा गया है कि इस साल की पहली तिमाही में 152 बच्चों सहित 533 लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य घायल हुए हैं।


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