बिशप की नियुक्ति को लेकर चीन के साथ किए गए करार का वेटिकन ने किया बचाव
चीनी सरकार और वेटिकन के बीच 2018 में यह समझौता हुआ था जिसमें कहा गया था कि चीन में केवल चीनी मूल के बिशप की नियुक्ति की जा सकेगी। अगले महीने समझौते का नवीनीकरण होने की उम्मीद है। अमेरिका ने कड़ी आलोचना की। वेटिकन में कैथोलिक ईसाइयों का मुख्यालय है।
रोम, एजेंसी। वेटिकन ने बिशप नियुक्ति को लेकर चीन के साथ किए गए एक समझौते का बचाव किया है। साथ ही कहा कि उसने इस करार को लेकर चीन के साथ बातचीत तेज कर दी है। चीनी सरकार और वेटिकन के बीच 2018 में यह समझौता हुआ था, जिसमें कहा गया था कि चीन में केवल चीनी मूल के बिशप की नियुक्ति की जा सकेगी। अगले महीने समझौते का नवीनीकरण होने की उम्मीद है। अमेरिका ने इसकी कड़ी आलोचना की है। वेटिकन सिटी में कैथोलिक ईसाइयों का मुख्यालय है।
वेटिकन के कार्डिनल पिएत्रो पैरोलिन ने शनिवार को बताया कि पोप की ओर से बीजिंग को वार्ता की राह पर लाने के लिए लंबे समय से कोशिश की गई थी। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि चीन के साथ समझौते के मसौदे को सेवामुक्त पोप बेनेडिक्ट ने स्वीकृति दी थी और मौजूदा पोप फ्रांसिस के कार्यकाल में वषर्ष 2018 में इस पर हस्ताक्षर किया गया था। वेटिकन अब इस समझौते की अवधि को विस्तार देने का प्रयास कर रहा है।
ट्रंप को झटका, अमेरिकी विदेश मंत्री से नहीं मिलेंगे पोप फ्रांसिस
कांटे की चुनावी लड़ाई में फंसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है। कैथोलिक ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने राष्ट्रपति चुनाव का हवाला देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से मिलने से मना कर दिया है। पोप नहीं चाहते कि उनसे मुलाकात का इस्तेमाल अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने के लिए किया जाए। वेटिकन के मुताबिक, अमेरिका में इस समय चुनावी प्रक्रिया चल रही है। ऐसे समय में पोप किसी राजनीतिज्ञ से नहीं मिलते। पोंपियो चार देशों की यात्रा के तहत वेटिकन सिटी पहुंचे थे। यहां पहुंचने से पहले उन्होंने कहा था कि चीन में मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है और वहां ईसाइयों को भी परेशान किया जा रहा है।