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संयुक्त राष्ट्र तालिबान सरकार को 60 करोड़ डालर देने पर कर रहा विचार, चीन ने अमेरिका से की अफगानों की मदद की अपील

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने विश्व समुदाय से 60 करोड़ डालर से अधिक की सहायता राशि अफगान लोगों को देने के लिए अपील की है। मानवीय सहायता बंद होने की सूरत में वहां अस्थिरता बढ़ेगी और माहौल और अधिक खराब होगा।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 13 Sep 2021 08:06 PM (IST)Updated: Mon, 13 Sep 2021 08:14 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र तालिबान सरकार को 60 करोड़ डालर देने पर कर रहा विचार, चीन ने अमेरिका से की अफगानों की मदद की अपील
मौजूदा सूखे के चलते अफगानिस्तान पर बड़े पैमाने पर लोगों की मौत होने की है आशंका

जेनेवा, एजेंसी। संयुक्त राष्ट्र ने दानकर्ताओं के सम्मेलन में अफगानिस्तान में काबिज तालिबान सरकार को 60 करोड़ डालर (करीब 4500 करोड़ रूपये) की सहायता राशि देने पर विचार कर रहा है। इस बीच, चीन ने अमेरिका से अफगानिस्तान की मदद करने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने विश्व समुदाय से 60 करोड़ डालर से अधिक की सहायता राशि अफगान लोगों को देने के लिए अपील की है। मानवीय सहायता बंद होने की सूरत में वहां अस्थिरता बढ़ेगी और माहौल और अधिक खराब होगा। मौजूदा सूखे के चलते वहां पर बड़े पैमाने पर लोगों की मौत होने की आशंका है।

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इस सम्मेलन के जरिये पश्चिमी देशों की कुछ सरकारों और संयुक्त राष्ट्र के कुछ परंपरागत दानदाताओं के आगे आने की उम्मीद है। हालांकि यह लोग अफगानी जनता की मदद तालिबान को कोई नकद दिए बगैर या उससे कोई मतलब रखे बिना करना चाहते हैं। करीब 1.1 करोड़ अफगानों को करीब 60 करोड़ डालर की सालाना मदद देनी होगी।

इस बीच, चीन ने अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आर्थिक संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान की आर्थिक मदद करने की अपील की है। साथ ही उसने तालिबान को भी अपने वादे पर कायम रहते हुए अफगानी जमीन से आतंकी संगठनों को सक्रिय नहीं होने देने को कहा है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा है कि अफगान तालिबान को अपनी प्रतिबद्धता के प्रति सच्चाई से पेश आना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह अफगानिस्तान को 3.1 करोड़ डालर की सहायता देगा। जब वहां के सुरक्षा हालात ठीक होंगे तो वह अफगानिस्तान में शांति स्थापना, पुनर्निर्माण और विकास के लिए कार्य करेगा। 

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आने के बाद वहां अस्थिरता का माहौल है। तालिबान लड़ाके राह चलती महिलाओं और कई पत्रकारों को प्रताड़ित कर रहे हैं। काबुल से अभी भी बड़ी संख्या में लोग मौजूदा हालात को देखकर देश छोड़ने को मजबूर हैं। 


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