यूएई ने काबुल में फिर से खोला अपना दूतावास, तालिबान के प्रवक्ता ने बताया सकारात्मक कदम
अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद देश में बढ़ती हिंसा के कारण अधिकांश देशों ने अपने राजनयिक मिशन को बंद कर दिया था। हालांकि चीन और पाकिस्तान ने अपने दूतावास बंद नहीं किए थे।
काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान पर बज्ले के बाद से ही बंद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात ने राजधानी काबुल में अपना दूतावास फिर से खोल दिया है। अच्छे संबंधों की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है। यूएई और अफगानिस्तान के बीच पहले से ही अच्छे संबंध हैं, जिन्हें मजबूत करने की जरूरत है।
अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान के अधिग्रहण से पहले देश में बढ़ती हिंसा के कारण अधिकांश विदेशी दूतावासों ने देश में अपने राजनयिक मिशन को बंद कर दिया था। 15 अगस्त को काबुल में तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद यूएई ने देश से भागने वाले कई अफगान परिवारों को वहां से सुरक्षित निकाला था।
संयुक्त अरब अमीरात ने तालिबान और अमेरिका समर्थित सरकारी बलों के बीच युद्ध के परिणामस्वरूप मानवीय संकट के फैलने के बाद से काबुल में चिकित्सा और खाद्य सहायता ले जाने वाले कई विमान भी भेजे हैं। सितंबर में तालिबान ने अफगानिस्तान में एक अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की थी।
वहीं, अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने कहा कि चीन अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुत्ताकी ने कहा कि अंतरिम अफगान सरकार वरिष्ठ चीनी अधिकारियों के संपर्क में है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष अपने सहकारी संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान में चीनी राजदूत वांग यू ने तत्काल आधार पर अफगान व्यापारियों के लिए चीनी वीजा की सुविधा देने का वादा किया था। यह फैसला अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्ताकी की चीनी राजदूत वांग यू से मुलाकात के बाद आया था।बता दें कि चीन उन गिने-चुने देशों में शामिल है, जो तालिबान को मान्या देने की दिशा में काम कर रहा है।