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अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी, यूनेस्को और यूनिसेफ ने जताई चिंता

अफगानिस्तान में 2001 के बाद से महिला साक्षरता दर लगभग 17 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है और प्राथमिक विद्यालय में लड़कियों की संख्या 2001 में लगभग शून्य से बढ़कर 2018 में 25 लाख हो गई है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 09:23 AM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 09:23 AM (IST)
अफगानिस्तान में लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी, यूनेस्को और यूनिसेफ ने जताई चिंता
यूनेस्को और यूनिसेफ का कहना है कि अफगान लड़कियों की शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।

काबुल, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने कहा कि अफगान लड़कियों के स्कूलों को बंद करना शिक्षा के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूनेस्को के महानिदेशक आद्रे अजोले ने एक बयान में कहा कि अगर लड़कियों के स्कूल बंद रहते हैं, तो यह लड़कियों और महिलाओं के लिए शिक्षा के मौलिक अधिकार का एक महत्वपूर्ण उल्लंघन होगा।

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अजोले ने कहा, 'यूनेस्को ने चेतावनी दी है कि यदि लड़कियों को शिक्षा के सभी स्तरों पर तेजी से लौटने की अनुमति नहीं दी जाती है तो इसके अपरिवर्तनीय परिणाम होंगे। विशेष रूप से, माध्यमिक विद्यालय में लड़कियों की देरी से वापसी से उन्हें शिक्षा और अंततः जीवन में पीछे छूटने का जोखिम हो सकता है। यह शिक्षा से पूरी तरह से बाहर होने के जोखिम को बढ़ाता है। यह लड़कों और लड़कियों के बीच सीखने की असमानताओं को और बढ़ा सकता है और अंततः लड़कियों की उच्च शिक्षा और जीवन के अवसरों तक पहुंच में बाधा उत्पन्न कर सकता है।'

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यूनेस्को और यूनिसेफ दोनों ने कहा है कि अफगानिस्तान ने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष रूप से लड़कियों की शिक्षा में महत्वपूर्ण काम किया किया है और उन्हें संरक्षित किया जाना चाहिए। अजोले ने कहा कि शिक्षित लड़के और लड़कियां अफगानिस्तान के भविष्य को आकार देंगे और उन्हें शिक्षा के अधिकारों का समान रूप से लाभ मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य शिक्षित लड़कियों और लड़कों पर निर्भर करता है। इसलिए, हम अफगानिस्तान में सभी संबंधित लोगों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान करते हैं कि सभी बच्चों को स्कूलों के पिर से खोले जाने की घोषणा के साथ लड़कियों को भी शिक्षा का अधिकार मिलना चाहिए।

इस बीच, यूनिसेफ ने भी अफगान लड़कियों के भविष्य और उनकी शिक्षा पर अपनी चिंता व्यक्त की है। स्कूलों के धीरे-धीरे खुलने का स्वागत करते हुए यूनिसेफ प्रमुख हेनरीटा फोर ने एक बयान में कहा कि हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि इस समय कई लड़कियों को स्कूल वापस जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। फोर ने कहा कि लड़कियों को पीछे नहीं रहना चाहिए और उन्होंने संबंधित लोगों से समस्या का समाधान करने का आह्वान किया है।

अफगानिस्तान में तालिबान शासन ने शनिवार को लड़कों के लिए माध्यमिक विद्यालय फिर से खोलने का घोषणा की। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कार्यवाहक कैबिनेट के शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को घोषणा की में छात्रों और शिक्षकों को स्कूलों में जाने का निर्देश दिया, लेकिन लड़कियों और महिला शिक्षकों के बारे में कुछ भी नहीं बताया।

यूनेस्को के अनुसार, अफगानिस्तान ने पिछले दो दशकों में शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है। 2001 के बाद से महिला साक्षरता दर लगभग 17 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है और प्राथमिक विद्यालय में लड़कियों की संख्या 2001 में लगभग शून्य से बढ़कर 2018 में 25 लाख हो गई है। उच्च शिक्षा संस्थानों में लड़कियों की संख्या 2001 में 5,000 से बढ़कर 2018 में लगभग 90,000 हो गई है।


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