द्वितीय विश्व युद्ध के पीड़ितों को याद करेगा यूएन, जर्मनी ने जताया विरोध
द्वितीय विश्व युद्ध (World War II) की शुरुआत वर्ष 1939 में जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण करने से हुई थी। इस युद्ध के चलते 1945 में समाप्त हुए द्वितीय विश्व युद्ध में सात से साढ़े आठ करोड़ लोगों की मौत हुई थी।
संयुक्त राष्ट्र, एपी। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) महासभा एक दिसंबर को द्वितीय विश्व युद्ध के पीड़ितों को याद करेगी। इस संबंध में रूस द्वारा लाए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि द्वितीय विश्व युद्ध में मिली जीत संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों की साझी विरासत है। प्रस्ताव की भाषा को लेकर जर्मनी ने विरोध भी जताया।
जर्मनी का कहना है कि उसने विवादास्पद पैराग्राफ को खत्म करने के लिए उपाय पेश किया क्योंकि यह संकल्प का राजनीतिकरण करता है और युद्ध के पीड़ितों को मनाने के अपने मुख्य उद्देश्य को बढ़ावा नहीं देता। देश के कानूनी सलाहकार इना हेस्सगेन ने कहा कि जर्मनी को ऐसा करने के लिए मजबूर किया गया क्योंकि रूस ने मसौदा प्रस्ताव को संपादित करने और आम सहमति तक पहुंचने के यूरोपीय संघ के प्रयासों को अनदेखा किया।
द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत वर्ष 1939 में जर्मनी द्वारा पोलैंड पर आक्रमण करने से हुई थी। वर्ष 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम गिराए जाने के बाद यह युद्ध समाप्त हो गया था। इस युद्ध के चलते 1945 में समाप्त हुए द्वितीय विश्व युद्ध में सात से साढ़े आठ करोड़ लोगों की मौत हुई थी।
रूस ने एक अमेरिकी संशोधन को स्वीकार करते हुए कहा कि साल 2020 द्वितीय विश्व युद्ध के अंत की 75वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। इस युद्ध ने मानव जाति के लिए विशेष रूप से यूरोप, एशिया, अफ्रीका, प्रशांत और दुनिया के अन्य हिस्सों में लोगों को गहरा दुख पहुंचा।