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आने वाले दिनों में अफगानिस्‍तान के हालात हो सकते हैं बद से बदतर, ईयू के शीर्ष राजनयिक ने दी चेतावनी

यूरोपीयन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने अफगानिस्‍तान के हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि यहां पर गंभीर संकट बना हुआ है जो पूरे विश्‍व की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 06 Oct 2021 10:16 AM (IST)Updated: Wed, 06 Oct 2021 01:03 PM (IST)
आने वाले दिनों में अफगानिस्‍तान के हालात हो सकते हैं बद से बदतर, ईयू के शीर्ष राजनयिक ने दी चेतावनी
अफगानिस्‍तान संकट पर जोसेप बोरेल ने दी है चेतावनी

काबुल (एएनआई)। यूरोपीयन यूनियन के शीर्ष राजनयिक ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्‍तान के हालात आने वाले दिनों में और खराब हो सकते हैं। यूरोपीयन यूनियन के विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने अफगानिस्‍तान के हालात पर चिंता जताते हुए कहा है कि यहां पर गंभीर संकट बना हुआ है, जो पूरे विश्‍व की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। अपने ब्‍लाग में उन्‍होंने लिखा है कि अफगानिस्‍तान में गंभीर मानवीय संकट है।

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उनके मुताबिक देश सामाजिक और आर्थिक रूप से भी काफी बर्बाद हो चुका है। अफगान नागरिकों पर गहरा संकट है। जोसेप का कहना है कि इस बात के कई सुबूत सामने आए हैं जिनसे पता चलता है कि आने वाले दिनों में अफगानिस्‍तान के हालात और बदत्‍तर हो सकते हैं। यूरोपीयन यूनियन के शीर्ष राजनयिक ने भी विश्‍व बिरादरी से अपील की है कि अफगानिस्‍तान के लोगों की मानवीय आधार पर तुरंत मदद करें।

इस बीच अफगानिस्‍तान को मानवीय आधार पर मदद देने के मुद्दे पर मंगलवार को संयुक्‍त राष्‍ट्र के विशेष प्रतिनिधि देबोराह ल्‍यांस तालिबान सरकार के मौजूदा सूचना और संस्‍कृति मंत्री खैरुल्‍लाह खैरख्‍वाह से मुलाकात करने वाले हैं। दोनों के बीच फिलहाल इस बात को लेकर सहमति बनी है कि विश्‍व बिरादरी और तालिबान के बीच ऐसे साझा मुद्दों को तलाशा जा सके जिस पर आगे बढ़ा जा सकता है। इसके अलावा बदहाली की मार झेल रहे अफगानी नागरिकों की हर संभव मदद भी की जा सके। अफगानिस्‍तान में स्थित यूनाइटेड नेशन असिसटेंस मिशन (UNAMA) ने इस जानकारी को ट्वीट कर साझा भी किया है। 

बता दें कि पिछले माह ल्‍यांस ने अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति हामिद करजई से मुलाकात कर देश के मौजूदा हालातों के बारे में विचार विमर्श किया था। इस दौरान उन्‍होंने यहां पर मानवता के आधार पर दी जाने वाली मदद को गंभीरता से लिया था। आपको बता दें कि तालिबान को अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा किए हुए अब एक माह से अधिक समय बीत चुका है।


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