संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद जताई
भारत का दशकों से रुख स्पष्ट रहा है और दोनों देश इस मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा कर सकते हैं। गुतेरस ने अगस्त 2019 में एक बयान में भारत व पाकिस्तान के बीच वर्ष 1972 के द्विपक्षीय समझौते को याद किया था जिसे शिमला समझौता के तौर पर जाना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। संयुक्त राष्ट्र (United Nation) महासचिव एंतोनियो गुतेरस (Antonio Gutterres) ने उम्मीद जताई है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान हो सकता है। गुतेरस ने शुक्रवार को कहा, 'संयुक्त राष्ट्र का रुख व संकल्प एक समान हैं। जैसा कि आप जानते हैं, हमारा वहां एक शांतिरक्षक अभियान है। हम, बेशक प्रतिबद्ध हैं।' उन्होंने कहा, 'मैंने कई बार मध्यस्थता की पेशकश की है और हमें उम्मीद है इसका शांतिपूर्ण तरीके से समाधान किया जा सकता है।
कश्मीर में ऐसी स्थिति है, जिसमें मानवाधिकारों का सम्मान किया जाता है तथा वहां लोग शांति एवं सुरक्षा के साथ रह सकते हैं।' गुतेरस संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब दे रहे थे।
उल्लेखनीय है कि भारत ने कश्मीर मुद्दे पर भारत-पाकिस्तान के बीच किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का दशकों से रुख स्पष्ट रहा है और दोनों देश इस मुद्दे पर द्विपक्षीय चर्चा कर सकते हैं। गुतेरस ने अगस्त 2019 में एक बयान में, भारत व पाकिस्तान के बीच वर्ष 1972 के द्विपक्षीय समझौते को याद किया था, जिसे शिमला समझौता के तौर पर जाना जाता है। इस समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने हस्ताक्षर किए थे, जो कश्मीर मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज करता है।
नई दिल्ली कई बार पाकिस्तान से कह चुका है कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा है कि वह आतंक, शत्रुता व हिंसा मुक्त माहौल में उसके साथ सामान्य पड़ोसी संबंध की अपेक्षा रखता है।
We need to go into emergency mode to bring peace to a world that sees too little of it.
The @UN will always stand with and protect those caught up in fighting & work to build stronger, more resilient & peaceful communities. pic.twitter.com/cVxSctLXBO— António Guterres (@antonioguterres) January 22, 2022